गरबा में केवल हिंदू वाले विहिप के परामर्श पर रार, भाजपा बोली- आयोजकों का हक, कांग्रेस बिफरी

मुंबई । महाराष्ट्र में विश्व हिंदू परिषद के गरबा कार्यक्रम में केवल हिंदू वाले परामर्श को लेकर रार छिड़ गई है। विहिप ने नवरात्र गरबा कार्यक्रम के आयोजकों को सलाह जारी की है। इसमें कहा गया है कि गरबा कार्यक्रमों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाए। साथ ही प्रवेश करने वालों के आधार कार्ड की जांच करें। विहिप की इस सलाह का भाजपा ने समर्थन किया है। जबकि कांग्रेस ने विहिप पर आरोप लगाए हैं।
देशभर में नवरात्र 22 सितंबर से एक अक्तूबर तक मनाई जाएगी। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने कहा कि गरबा महज एक नृत्य नहीं है। बल्कि देवी को प्रसन्न करने की पूजा का एक रूप है। मुसलमानों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वे लोग मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखते। केवल उन्हीं लोगों को इसमें भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, जो इन अनुष्ठानों में आस्था रखते हैं।
विहिप ने गरबा आयोजकों को परामर्श जारी कर प्रवेश द्वार पर आधार कार्ड की जांच करने, प्रतिभागियों को तिलक लगाने और प्रवेश से पहले पूजा करने को कहा है। नायर ने कहा कि विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता आयोजनों पर नजर रखेंगे। गरबा पूजा का एक रूप है, मनोरंजन नहीं। जिन लोगों की देवी में आस्था नहीं है, उन्हें इसका हिस्सा नहीं बनना चाहिए।
विहिप के रुख पर भाजपा के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, ‘गरबा आयोजनों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना आयोजन समितियों के अधिकार में है।’ यह उनका अधिकार है। बशर्ते उन्होंने आयोजन के लिए पुलिस से अनुमति ली हो। आयोजन समितियों को इसके आधार पर निर्णय लेना चाहिए।
महाराष्ट्र भाजपा मीडिया प्रमुख नवनाथ बान ने कहा कि गरबा एक हिंदू आयोजन है। अन्य धर्मों के लोगों को हिंदुओं द्वारा गरबा करने और देवी की पूजा करने में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। हम देवी की पूजा करते हैं। वे हमारी मां के समान हैं। बान ने शिवसेना नेता संजय राउत के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वह एक विशेष समुदाय के वोटों पर नजर रखकर इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन लोग उन्हें या उनकी पार्टी को नहीं बख्शेंगे।
इस मुद्दे पर महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य के पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि विहिप समाज में आग लगाना चाहती हैं। वे धर्म के नाम पर समाज को बांटना चाहते हैं और इससे राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। इसमें कोई नई बात नहीं है। इस संगठन का जन्म ही देश को अस्थिर करने के इरादे से हुआ है। वडेट्टीवार ने दावा किया कि विहिप जैसे संगठनों का ऐसा रुख भारत की विविधता में एकता की नींव को हिला देता है। यह सरकार के रुख को भी दशार्ता है।
इस पर भाजपा नेता ने पलटवार करते हुए कहा कि वडेट्टीवार को पता होना चाहिए कि कांग्रेस का लोगों को बांटने का इतिहास रहा है। ये वही लोग हैं जिन्होंने समाज में दरार पैदा की। महा विकास अघाड़ी सरकार मराठा आरक्षण की रक्षा करने में विफल रही।