महिंदा राजपक्षे छोड़ेंगे सरकारी आवास, श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपतियों के विशेषाधिकार खत्म

कोलंबो । श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे गुरुवार को अपने आधिकारिक आवास से बाहर निकलने वाले हैं। यह फैसला संसद में पारित एक नए कानून के बाद आया है, जिसने पूर्व राष्ट्रपतियों को मिलने वाले विशेषाधिकार खत्म कर दिए हैं। राजपक्षे का आधिकारिक आवास कोलंबो के प्रमुख इलाके सिनेमन गार्डन में स्थित है। महिंदा राजपक्षे 2015 से यहां रह रहे थे। वे 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रहे और इसके पहले 2004-2005 इसके साथ बाद में 2019-2022 तक प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं।
पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को इसलिए अपना आवास खाली करना पड़ रहा है क्योंकि बुधवार को श्रीलंका की संसद ने भारी बहुमत से पूर्व राष्ट्रपतियों के विशेषाधिकार खत्म करने वाले कानून को मंजूरी दे दी। यह कानून पूर्व राष्ट्रपतियों और उनकी विधवाओं को मिलने वाले विशेषाधिकारों को खत्म करता है।
इस बिल को सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी दी, जिससे श्रीलंका पोडुजाना परेमुना (एसएलपीपी) पार्टी के विरोध के बावजूद यह कानून लागू हो सका। श्रीलंका में वर्तमान में पांच पूर्व राष्ट्रपति जीवित हैं, जिनमें से तीन इस समय सरकार की सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे। अब ये सुविधाएं समाप्त हो जाएंगी।
बता दें कि महिंदा राजपक्षे का निजी घर तमगले में है, जो कोलंबो से लगभग 190 किलोमीटर दक्षिण में है। यही वह जगह है जहां से उन्होंने 1970 में राजनीतिक सफर शुरू किया था। राजपक्षे गुरुवार को उसी घर के लिए रवाना होंगे। हालांकि 2022 में जब देश में बड़े जनआंदोलन के दौरान उनके छोटे भाई और उस समय के राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे को पद छोड़ना पड़ा, तब महिंदा के आधिकारिक और निजी आवास दोनों पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।