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उद्धव ने फिर की राज ठाकरे से मुलाकात; शिवसेना-यूबीटी और मनसे के बीच गठबंधन की चर्चा के बीच अहम बैठक

मुंबई । शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे से मुलाकात की। दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चा के बीच दादर इलाके में स्थित राज ठाकरे के आवास ‘शिवतीर्थ’ में अहम बैठक हुई। पिछले दो हफ्तो में दोनों चचेरे भाइयों के बीच यह दूसरी सार्वजनिक मुलाकात है। उद्धव पिछले महीने गणेश उत्सव के अवसर पर शिवतीर्थ गए थे।
दोनों ने 5 जुलाई को सरकार की त्रिभाषा नीति के खिलाफ मुंबई में अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए एक मंच साझा किया था। महाराष्ट्र सरकार ने मराठी भाषी बहुल राज्य में हिंदी थोपने के आरोपों के बीच कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए त्रि-भाषा फॉमूर्ले पर अपने विवादास्पद आदेश को वापस ले लिया था। इसके बाद जुलाई के अंत में राज ने उद्धव ठाकरे को उनके जन्मदिन की शुभकामना देने के लिए उपनगरीय बांद्रा स्थित उनके आवास ‘मातोश्री’ का दौरा किया था।
हालांकि, राज ने 2005 में अविभाजित शिवसेना छोड़ दी थी और इसके लिए उद्धव को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन 2024 के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टियों की करारी हार ने दोनों प्रतिद्वंद्वियों को अपने रिश्ते सुधारने के लिए मजबूर किया। दोनों पार्टियों ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के चुनाव समेत आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए गठबंधन बनाने के संकेत दिए हैं। हालांकि, अब तक औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है। अगर ऐसा होता है, तो भाजपा इसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी होगी।
गठबंधन की चर्चा के बीच पिछले महीने बेस्ट एम्प्लॉइज कोआॅपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड के चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) और मनसे को झटका लगा था। यहां दोनों दलों की ओर से समर्थित पैनल सभी 21 सीटें हार गया था।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और मनसे अध्यक्ष के बीच हुई हालिया बैठक के बारे में पूछे जाने पर भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख और विधायक अमीत साटम ने बुधवार को कहा कि जनत का ध्यान राजनीतिक नेताओं के बीच पारिवारिक बैठकों की जगह विकास के मुद्दों पर है। साटम ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह इस बारे में नहीं है कि कौन किससे मिल रहा है और उनके पारिवारिक रिश्ते कैसे हैं, बल्कि यह इस बारे में है कि अटल सेतु, कोस्टल रोड, वर्ली और आसपास के इलाकों में बीडीडी चॉल का पुनर्विकास किसने करवाया और किसने पूरे मुंबई में सीसीटीवी कैमरों का विशाल नेटवर्क स्थापित किया। ये प्रमुख मुद्दे हैं और मुंबईकर इसी आधार पर वोट देंगे।’

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