मथुरा

मच्छरों से सुरक्षा: डेंगू और मलेरिया से बचाव के उपाय।

मथुरा में विश्व मच्छर दिवस के अवसर पर सेमिनार

मथुरा में बुधवार को विश्व मच्छर दिवस के अवसर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य मच्छरों द्वारा फैलने वाले रोगों के प्रति जागरूकता फैलाना और उनके नियंत्रण के उपायों पर चर्चा करना था। इस दौरान यह जानकारी दी गई कि प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डेंगू और मलेरिया के रोगियों के लिए 10 बेड आरक्षित किए गए हैं, जिसमें से प्रत्येक केंद्र पर 5-5 बेड हैं।

मच्छरों से फैलने वाली बीमारियाँ

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अनुज चौधरी ने सेमिनार में कहा कि मच्छरों द्वारा फैलने वाली बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकूंगुनिया आदि के प्रति जागरूकता फैलाना जरूरी है। भारत में मानसून का मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल होता है, क्योंकि तापमान और वर्षा की स्थिति उनके पनपने के लिए सहायक होती है।

डॉ. चौधरी ने बताया कि मच्छरों को नियंत्रित करके ही हम इन रोगों से पीड़ित लोगों की रक्षा कर सकते हैं। यह अनिवार्य है कि हम अपने आस-पास की साफ-सफाई का ध्यान रखें और मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ आवश्यक कदम उठाएं।

सेमिनार के निर्देश

अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अलोक कुमार ने सभी अधिकारियों को क्षेत्र का दौरा करने और अपने कार्यों को गंभीरता से निभाने का निर्देश दिया। इस सेमिनार में जिला प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अनुज यादव, जिला तपेदिक अधिकारी, और मलेरिया यूनिट के कर्मचारी भी मौजूद थे। सभी ने मिलकर मच्छर जनित रोगों के प्रति जागरूकता फैलाने और नियंत्रण उपायों पर चर्चा की।

मच्छरों के प्रजनन को रोकने के उपाय

सेमिनार में यह भी बताया गया कि हमें अपने घरों और आस-पास के क्षेत्रों में पानी के जमा होने वाले स्थानों को साफ रखना चाहिए। पानी के बर्तनों, टैंकों, और ड्रमों को बंद रखना चाहिए ताकि मच्छरों का प्रजनन न हो सके। इसके लिए कुछ विशेष उपाय निम्नलिखित हैं:

  1. पानी के बर्तनों को कवर करें: सुनिश्चित करें कि घर में पानी के बर्तन, ड्रम, टैंकों आदि को अच्छी तरह से कवर किया गया हो।

  2. साप्ताहिक सफाई: सप्ताह में एक बार सभी पानी के बर्तनों को खाली करें और साफ करें।

  3. केरोसिन का उपयोग: मच्छरों को दूर रखने के लिए जलप्रपातों में केरोसिन या जले हुए मोबिल तेल का उपयोग करें।

  4. अस्पताल में जांच: मच्छर जनित रोगों के लक्षण दिखने पर नजदीकी अस्पताल में जांच कराएं।

क्या नहीं करना चाहिए

सेमिनार में यह भी चर्चा की गई कि हमें किन चीजों से बचना चाहिए:

  1. पानी के जमा होने का ध्यान रखें: घर में टूटे हुए बर्तन, टायर, फूलदान आदि में पानी जमा न होने दें।

  2. नीम हकीम से बचें: बुखार की स्थिति में नीम हकीम के पास न जाएं, बल्कि उचित चिकित्सा सलाह लें।

  3. दवा का सही सेवन: बुखार के लिए एस्पिरिन या ब्रूफेन का उपयोग न करें और कभी भी खाली पेट दवा का सेवन न करें।

निष्कर्ष

इस सेमिनार का उद्देश्य लोगों को स्वस्थ रहने के लिए जागरूक करना और मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों से बचने के उपाय बताना था। सभी उपस्थित लोगों ने इसकी आवश्यकता को समझा और इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाने का प्रण लिया।

इस प्रकार, मथुरा में आयोजित यह सेमिनार मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सभी को चाहिए कि वे अपने आस-पास के वातावरण को साफ-सुथरा रखें ताकि मच्छरों के प्रजनन की संभावनाएं कम हों।

स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता

यह आवश्यक है कि समाज का हर सदस्य मच्छर जनित बीमारियों के प्रति जागरूक रहे और इसके लिए आवश्यक उपायों को अपनाए। केवल व्यक्तिगत प्रयासों से ही हम सामूहिक रूप से इस दिशा में सुधार कर सकते हैं।

आगे की चुनौतियों का सामना करने के लिए यह जरूरी है कि हम सभी इस दिशा में सक्रिय रहें।

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