दक्षिण अफ्रीका में बाढ़ से अब तक 78 मौतें, प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे राष्ट्रपति रामाफोसा

केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका)। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा शुक्रवार को देश के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र के उन इलाकों का दौरा करेंगे, जहां हाल की विनाशकारी बाढ़ में अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है। राहत और बचाव कार्य चौथे दिन भी जारी है। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है।
राष्ट्रपति रामाफोसा पूर्वी केप प्रांत के म्थाथा शहर जाएंगे, जहां मंगलवार की सुबह बाढ़ ने सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया। रामाफोसा की यह यात्रा उस समय हो रही है, जब आपदा के शुरूआत में प्रशासन की प्रतिक्रिया को लेकर आलोचना हो रही है। अत्यधिक खराब मौसम को आपदा का कारण माना जा रहा है। तीव्र बारिश, तेज हवाएं और कुछ इलाकों में बर्फबारी भी हुई। मौसम विभाग ने पिछले हफ्ते ही खराम मौसम की चेतावनी दी थी।
प्रांतीय सरकार के प्रमुख ने बताया कि बाढ़ आने के बाद शुरूआती कुछ घंटों में राहत कार्य लगभग रुक गया था क्योंकि वहां विशेष बचाव दल, गोताखोर और खोजी कुत्तों वाली टीम जैसे पर्याप्त संसाधन नहीं थे। पूर्वी केप प्रांत देश के सबसे गरीब इलाकों में से एक है। पूर्वी केप प्रांत के प्रमुख आॅस्कर माबुयाने ने बताया कि इस 72 लाख की आबादी वाले प्रदेश में केवल एक ही बचाव हेलीकॉप्टर है, जो भी 500 किलोमीटर दूर एक अन्य शहर से लाया गया।
बाढ़ सुबह के समय आई, जब अधिकांश लोग सो रहे थे। कई लोग बाढ़ में बह गए और उनके घर व सामान भी बह गए। अधिकारियों ने कहा कि जैसे-जैसे खोज जारी है, और शव मिल सकते हैं क्योंकि बचावकर्मी बाढ़ के पानी और तबाह हुए घरों की जांच कर रहे हैं। मरने वालों में कई बच्चे भी शामिल हैं। म्थाथा की एक निवासी जिनाथी वुसो ने कहा, मुझे मानसिक तौर मदद की जरूरत है, क्योंकि मैंने अपने सामने लोगों को मरते देखा। वे टिन की चादरों और मलबे के साथ पानी के साथ बह गए। उन्होंने बताया कि कुछ लोग किसी चीज को पकड़ने या चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह टूट गई और वे भी मर गए। इसीलिए अभी भी शव मिल रहे हैं और कुछ लोग अब भी लापता हैं।
संघीय सरकार की ओर से भेजी गई टीम का नेतृत्व कर रहे सहकारी शासन और पारंपरिक मामलों के मंत्री वेलेंकोसिनी हलबीसा ने गुरुवार देर रात राष्ट्रीय प्रसारक ‘एसएबीसी’से कहा कि प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे लापता व्यक्तियों की सूचना दें, ताकि बचाव दल को पता चल सके कि उनके कितने और लोगों की तलाश करनी है। हलबीसा ने कहा, हम एक संकट में हैं। एक वास्तव में एक आपदा है। जैसे-जैसे पानी कम होगा, और लोग मिलेंगे।