‘अमेरिका व भारत विश्व की दो सबसे गतिशील अर्थव्यवस्थाएं’


नई दिल्ली। अमेरिका प्रचूर मात्रा में स्थिरता और पारदर्शिता प्रदान करता है। यही कारण है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था आदित्य बिड़ला समूह के लिए एक आकर्षक निवेश गंतव्य है। अमेरिका और भारत विश्व की दो सबसे गतिशील अर्थव्यवस्थाएं हैं और हमारे लिए “स्थायी दांव” हैं। यह बात कही है समूह के मुखिया कुमार मंगलम बिड़ला ने। बिड़ला ने कहा है कि उनकी अध्यक्षता वाले समूह ने पिछले 17 वर्षों में अमेरिका में 15 अरब डॉलर का निवेश किया है। ऐसे में बिड़ला समूह अमेरिका में सबसे बड़ा भारतीय निवेशक बन गया है।
65 अरब अमेरिकी डॉलर वाले समूह के चेयरमैन ने कहा, “मुझे लगता है कि उद्योग में हमारे जैसे लोग स्थिरता चाहते हैं। और हम पारदर्शिता चाहते हैं। और मुझे लगता है कि ये ऐसे कारक हैं जो हमें अमेरिका में प्रचुर मात्रा में मिलते हैं, जो इसे हमारे लिए निवेश के लिए एक बहुत ही आकर्षक गंतव्य बनाता है।” बिड़ला ने यह टिप्पणी सोमवार को वाशिंगटन डीसी में आयोजित एक समारोह में की। वहां उन्हें अमेरिका-भारत सामरिक भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) की ओर से वैश्विक नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
यह टिप्पणी अमेरिकी नीतियों में बड़े बदलावों के बीच आई है, विशेष रूप से व्यापार के मोर्चे पर, डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद जो रहो रहा है उसे देखते हुए। ट्रंप ने वैश्विक व्यापार को हिलाकर रख दिया है और वैश्विक स्तर पर अनेक चिंताएं पैदा कर दी हैं। बिड़ला ने कहा कि वैश्वीकरण से साझा समृद्धि को बढ़ावा मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनके समूह की प्रतिबद्धताएं पूंजी निवेश से आगे बढ़कर लोगों, समुदायों और दीर्घकालिक प्रभाव में निवेश पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
उन्होंने कहा कि समूह अमेरिका में 5,400 से अधिक लोगों को रोजगार देता है, जिनमें से मुख्य रूप से एल्युमीनियम निमार्ता नोवेलिस में कार्यरत हैं, जो 18 अरब अमेरिकी डॉलर के राजस्व में योगदान देता है।बिड़ला ने कहा कि समूह का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड निवेश अलबामा के बे मिनेट में 3,000 एकड़ में फैली 4.1 अरब अमेरिकी डॉलर की एकीकृत एल्युमीनियम रोलिंग मिल है। उन्होंने अमेरिका को अवसरों की भूमि बताया। बिरला ने कहा, “हमने अमेरिका को इसलिए चुना क्योंकि हम इस राष्ट्र की शक्ति, स्थिरता और संभावनाओं में विश्वास करते हैं।”
बिड़ला ने कहा कि वर्तमान में 1,000 से अधिक ठेकेदार इस परियोजना पर काम कर रहे हैं और वर्ष के अंत तक यह संख्या दोगुनी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र से 1,000 स्थायी नौकरियां पैदा होंगी। बिड़ला ने कहा कि अमेरिका और भारत विश्व की दो सबसे गतिशील अर्थव्यवस्थाएं हैं और आदित्य बिड़ला समूह के लिए “स्थायी दांव” हैं। बिड़ला ने कहा कि भारत तेजी से अनौपचारिक से औपचारिक अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस बदलाव से समूह को पेंट्स कारोबार में निवेश करने में मदद मिली है, जहां उसने छह संयंत्र स्थापित किए हैं।
उन्होंने भारत सरकार की आर्थिक नीतियों की भी सराहना की और कहा कि प्रशासन “खुला” है। एक बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले अन्य पुरस्कार विजेताओं में आईबीएम के चेयरमैन, सीईओ और अध्यक्ष अरविंद कृष्णा और हिताची के कार्यकारी अध्यक्ष तोशियाकी हिगाशिहारा शामिल हैं।