UAE में यूपी की महिला को फांसी

केंद्र ने हाईकोर्ट में कहा- हमें 13 दिन बाद पता चला, 4 महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था
दुबई। शहजादी के पिता ने दो दिन पहले इस मामले में विदेश मंत्रालय की मदद मांगने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
UAE में उत्तर प्रदेश के बांदा की महिला शहजादी खान को 15 फरवरी को फांसी दी गई। 33 साल की शहजादी पर 4 महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था। वह 2 साल से दुबई की जेल में बंद थी। कोर्ट ने 4 महीने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई थी। UAE में भारतीय दूतावास को 28 फरवरी 2025 को UAE सरकार से इसकी सूचना मिली थी। विदेश मंत्रालय ने 3 मार्च इसकी जानकारी दिल्ली हाईकोर्ट को दी। विदेश मंत्रालय ने कोर्ट को बताया कि शहजादी का अंतिम संस्कार 5 मार्च को होगा।

मंत्रालय और अबू धाबी स्थित भारतीय दूतावास अंतिम संस्कार के लिए शहजादी परिवार की अबू धाबी जाने में मदद करेगा। शहजादी के पिता ने दो दिन पहले इस मामले में विदेश मंत्रालय (MEA) से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

शहजादी के पिता बोले- बेटी ने कॉल पर बताया था फांसी दी जाएगी

शहजादी के पिता ने कोर्ट में दायर याचिका में दावा किया था कि 14 फरवरी को उनकी बेटी ने उन्हें कॉल पर बताया था कि उसे जेल से हॉस्पिटल ट्रांसफर किया गया है और उसे फांसी की सजा दी जाएगी। उन्होंने अबू धाबी कानून के मुताबिक शहजादी को क्षमादान दिए जाने के लिए अबू धाबी स्थित भारतीय दूतावास को एक लेटर भी लिखा था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

शहजादी बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गांव गोयरा मुगली की रहने वाली थी। दुबई जाने से पहले शहजादी सामाजिक संस्था ‘रोटी बैंक’ में काम करती थी। उसका चेहरा एक साइड से बचपन में झुलस गया था। साल 2021 में उसका फेसबुक के जरिए आगरा के रहने वाले उजैर से संपर्क हुआ। उजैर ने झूठ बोल कर शहजादी को अपने जाल में फंसा लिया। उजैर ने चेहरा सही करवाने के लिए शहजादी को आगरा बुला लिया। इसके बाद उसे इलाज करवाने के नाम पर नवंबर, 2021 में दुबई में रहने वाले दंपती फैज और नादिया के हाथों बेच दिया।