मेड इन इंडिया इलेक्ट्रिक व्हीकल, मोबाइल फोन सस्ते:गरीबों को एक साल और मिलेगा मुफ्त अनाज; हथियार खरीद के लिए बजट घटा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवां बजट पेश किया। इसमें भारत में बने इंडिया इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन सस्ते किए गए हैं। कोरोना काल में शुरू हुई गरीबों को मुफ्त राशन बांटने की योजना एक साल के लिए और बढ़ाई गई। एजुकेशन और कृषि बजट बढ़ाया गया, तो सेना की हथियार खरीद का बजट घटा दिया गया। आइये जानते हैं बजट में किसको क्या मिला….
पहले जानते हैं बजट की 5 सबसे बड़ी बातें
- मिडिल क्लास के लिए: 7 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं।
- निचले तबके के लिए: गरीब कल्याण अन्न योजना में मुफ्त अनाज एक साल और मिलेगा।
- युवाओं के लिए: स्टार्टअप फंड, और 3 साल तक भत्ता मिलेगा, इंटरनेशनल स्किल इंडिया सेंटर्स बनेंगे।
- आदिवासी क्षेत्र के लिए: एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स अपॉइंट किए जाएंगे। आदिवासी गांवों के विकास के लिए 15 हजार करोड़।
- महंगा-सस्ता: LED टीवी-मोबाइल सस्ते होंगे। सिगरेट पर टैक्स 16% बढ़ाया गया। ये अब महंगी होगी।
8 साल बाद बदला टैक्स स्लैब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में सबसे बड़ी बात इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की रही। उन्होंने 8 साल बाद स्लैब बदला और 7 लाख की आमदनी पर टैक्स छूट देने की घोषणा कर दी।
सीतारमण का ये 5वां और देश का 75वां बजट है। उन्होंने इस बार पहले की तुलना में कम समय लिया। इस बार का भाषण महज 1 घंटे 27 मिनट का था।
इस साल 9 राज्यों में और अगले साल देश का चुनाव है। इसका असर बजट भाषण में दिखा। सीतारमण ने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना और युद्ध के चलते मंदी की राह पर है, तब भारत की ग्रोथ बाकी देशों के मुकाबले मजबूत है।
बजट के बाद 3 बड़े मुद्दों पर सीतारमण के बयान
- महंगाई: आपने देखा कि महंगाई नीचे आई है। हमने कदम उठाए हैं। हमारा ध्यान उस पर है। गेंहू को मार्केट में रिलीज करने का फैसला लिया गया है। इससे गेहूं के दाम कम होंगे। रसोई में महंगाई कम होगी। ये एक्शन तो पहले ही हो गया है। महिलाएं परिवार का हिस्सा हैं, इनकम टैक्स में छूट का फायदा उन्हें भी होगा।
- रोजगार: 10 लाख करोड़ का कैपिटल इन्वेस्टमेंट किया गया है। प्रोजेक्ट्स चल रहे है, पैसा इनके लिए दिया जा रहा है। ये प्रोजेक्ट्स बिना रोजगार के कैसे पूरे हो सकते हैं।
- बजट का मकसद: बजट में महिला सशक्तिकरण, पर्यटन के लिए एक्शन प्लान, विश्वकर्मा के लिए योजनाओं और ग्रीन ग्रोथ पर फोकस है।
जानिए बजट में आपके लिए क्या-क्या ऐलान किए गए…
1. इनकम टैक्स: 8 साल बाद छूट की सीमा बढ़ी
अब सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। यह छूट सिर्फ नई टैक्स रिजीम के तहत मिलेगी। अभी भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन बने रहेंगे। अभी तक 2.5 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री थी। आखिरी बार 2014-15 बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था।
2. क्या सस्ता, क्या महंगा
टीवी सस्ते होंगे। वजह पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी 5% से घटाकर 2.5% कर दी गई है। मोबाइल फोन भी सस्ते होंगे, क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग के लिए कुछ पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई। हीरों की कीमतें कम होंगी। मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले सीड पर ड्यूटी कम की गई है। सिगरेट पर टैक्स 16% बढ़ाया गया, ये महंगी होगी। चांदी से बने आइटम्स महंगे होंगे क्योंकि कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है।
आगे बढ़ने से पहले देखिए बजट स्पीच का सबसे दिलचस्प मोमेंट…
बजट के दौरान गंभीर मुद्दों पर ऐलान के बीच मजेदार लम्हा भी आया। सीतारमण स्क्रैप पॉलिसी का जिक्र कर रही थीं। इस दौरान वे ओल्ड पॉल्यूटेड व्हीकल को ओल्ड पॉलिटिकल व्हीकल कह गईं। फिर बोलीं- सॉरी…सॉरी, ओल्ड पॉल्यूटेड व्हीकल्स को हटाएंगे।
3. रोजगार
इस साल फाइनेंस मिनिस्टर ने पूरे बजट में रोजगार या जॉब्स शब्द का इस्तेमाल ही महज 4 बार किया। पीएम कौशल विकास योजना का ही 4.0 वर्जन लॉन्च करने की बात कही। बोलीं- युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरियों के लिए तैयार करने के लिए 30 स्किल इंडिया सेंटर खोले जाएंगे। नेशनल एप्रेंटिसशिप स्कीम के तहत 47 लाख युवाओं को सपोर्ट देने के लिए 3 साल तक भत्ता दिया जाएगा।
4. किसान
सरकार ने कृषि क्रेडिट कार्ड (KCC) 20 लाख करोड़ बढ़ाने की घोषणा की। यह पिछले साल 18.5 लाख करोड़ रुपए था। इसके अलावा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर से किसानों को खाद बीज से लेकर मार्केट और स्टार्टअप्स तक की जानकारी मिल सकेगी। एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फंड के जरिए गांवों में युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने का मौका मिलेगा।
कार्टूनिस्ट मंसूर नकवी की नजर से देखिए बजट
5. इंडस्ट्री-स्टार्टअप
देश के 6 करोड़ से ज्यादा छोटे-मझोले उद्योग हैं और 84 हजार से ज्यादा स्टार्टअप। इनके लिए नई क्रेडिट गारंटी स्कीम 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी। इसमें छोटे-मझोले उद्यमों को बिना गारंटी के 2 लाख करोड़ रुपए तक का क्रेडिट दिया जाएगा। पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान पैकेज लॉन्च किया जाएगा, जिसमें MSME’s का प्रोडक्शन बढ़ाने और मार्केट तक पहुंचाने में मदद करेगा।
6. एजुकेशन
बजट की सात प्राथमिकताओं को सप्त ऋषि बजट कहा गया, इसमें एजुकेशन पर फोकस नहीं है, हालांकि यूथ पावर जरूर शामिल है। 157 नर्सिंग कॉलेज और टीचर्स ट्रेनिंग के लिए एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट खोलने का ऐलान किया गया तो एकलव्य स्कूलों में 38,800 टीचर्स और सपोर्टिंग स्टाफ की भर्ती करने की बात कही गई।
कुछ और बड़े ऐलान
- रेलवे: 2.40 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। 2014 के मुकाबले ये रेल बजट 9 गुना ज्यादा है।
- सीनियर सिटीजन: सेविंग्स अकाउंट में रखी जाने वाली रकम की लिमिट 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए की जाएगी।
- महिला: सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख रुपए की बचत पर सालाना 7.5% ब्याज मिलेगा।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर: PM आवास योजना के बजट में 66% बढ़ोतरी हुई है। सेक्टर अब 79 हजार करोड़ रुपए का हो गया है। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। 50 नए एयरपोर्ट, हेलिपैड और वाटर एयरो ड्रोन सेंटर्स बनेंगे। सभी शहरों में सीवेज की सफाई मशीनों से की जाएगी।
- 5G सर्विस: इस सर्विस पर चलने वाले ऐप डेवलप करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 लैब बनाई जाएंगी। इन लैब्स के जरिए नए अवसर, बिजनेस मॉडल और रोजगार की संभावनाएं बनेंगी।
- पर्यावरण: फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम करने के लिए ग्रीन हाईड्रोडन मिशन। एनर्जी ट्रांजिशन के लिए 35 हजार करोड़। एनवायरन्मेंटल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत नया ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम।
- डिजिटल इंडिया: बिजनेस और चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए डिजिलॉकर। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए बड़े संस्थानों में 3 सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाए जाएंगे।
बजट के सप्तर्षि, वित्त मंत्री ने बताया क्या है सप्तर्षि
वित्त मत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के सात आधार बताए। इन्हें सप्तर्षि कहा गया है। 1. समावेशी विकास, 2. वंचितों को वरीयता, 3. बुनियादी ढांचे और निवेश, 4. क्षमता विस्तार 5. हरित विकास, 6. युवा शक्ति, 7. वित्तीय क्षेत्र। वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इसके लिए सरकारी फंडिंग और वित्तीय क्षेत्र से मदद ली जाएगी। इस ‘जनभागीदारी’ के लिए ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ अनिवार्य है।