शिव स्तुति गायन के दौरान श्रोताओं के बीच आया सांप, घंटों बैठा रहा

उदयपुर(राजस्थान).उदयपुर के पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के शिल्पग्राम में शुक्रवार रात शास्त्रीय कला उत्सव “ऋतु वसंत’ के दौरान एक अनोखा मामला सामने आया। यहां सिंगर ओस्मान मीर शिव की स्तुति परफॉर्म कर रहे थे। इसी दौरान एक सांप श्रोताओं के बीच आकर बैठ गया। वह काफी देर तक दर्शकों के बीच रहा। काफी देर बाद जब सांप पर लोगों की नज़र पड़ी, कुछ लोग खड़े हुए और सांप को उठाकर बाहर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया, लेकिन मीर की प्रस्तुति नहीं रुकी। मीर ने कहा कि शिव स्तुति में तो सांप भी सुनने आ गए। और क्या हुआ प्रोग्राम में…
लोगों को सुनाए कई तराने
– “वक्त की कैद में जिंदगी है मगर चंद घड़ियां हैं यही जो आज़ाद हैं, इनको खोकर मेरी जान-ए-जां उम्रभर ना तरसते रहो’ सुनाकर मीर ने जीवन में सुखद और प्रेम के लम्हों को पूरी शिद्दत के साथ जीने का दर्शन आलाप लेकर समझाया तो लोग ठगे से रह गए।
– अनहद नाद बजाओ री सखि, आज पिया घर आएंगे, प्रस्तुत करते हुए उन्होंने ताराना के कई अंदाज दिखाए। तार सप्तकों का प्रयोग किया।
– कभी मंद्र तो कभी द्रुत के तेवर दिखाए। मुर्कियां और गमक तानें तो बहुत ही अनूठी रहीं।
– मीर ने “कबीर खड़ा बाजार में, मांगत सबकी खैर, ना किसी से दोस्ती ना किसी से बैर’ को कई अंदाजों में गाया।
जब वी मेट का फेमस गाना भी गाया
– उन्होंने जब वी मेट का आवोगे जब तुम ओ साजना भी अनूठे अंदाज में सुनाया।
– केसरिया बालम में उन्होंने मांड का प्रयोग किया। दमादम मस्त कलंदर में उन्होंने मींड, मुर्की आैर गमक तानों के कौतूहल को दिखाया।
– उन्होंने अपने गायन की शुरुआत शिव स्तुति “अजब है तेरी माया, ये कोई समझ ना पाया, नगर में जोगी आया, सबसे बड़ा है तेरा नाम भोले नाथ’ से की।
– स्तुति के दौरान तबले की अनूठी जुगलबंदी ने सभी को आनंदित किया।
– मीर ने फिल्म रामलीला में गाए अपने गीत “मोर बनी थनगट करे’ और “नगाड़े संग ढोल बाजे’ की प्रस्तुति शुरू की तो लाेगों ने भी तालियां से उनका साथ दिया।
– ओस्मान मीर ने शालीनता और नफासत से “आंधियां गम की चलेंगी तो संवर जाऊंगा, मैं तेरी जुल्फ नहीं जो बिखर जाऊंगा’ शायरी की प्रस्तुति दी।
– इसके अलावा ओस्मान ने “मुझको सूली पे चढ़ाने की जरूरत क्या है मेरे हाथों से कलम छीन लो, मर जाऊंगा’ शेर सुनाया।