अनिश्चितताओं के बावजूद देश में आॅफिस स्पेस बढ़ा, अप्रैल-जून में लीजिंग 178 लाख वर्ग फुट पर पहुंची

नई दिल्ली । देश के प्रमुख सात शहरों में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सकल आॅफिस लीजिंग में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। कोलियर्स की रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक अनिश्चिताओं के बावजूद मजबूत मांगे के चलते यह तेजी आई है। आॅफिस लीजिंग का मतलब है, किसी कंपनी या व्यक्ति द्वारा व्यावसायिक उपयोग के लिए आॅफिस स्पेस (जैसे, कार्यालय, दुकान, गोदाम) को एक निश्चित अवधि के लिए किराए पर लेना। कोलियर्स के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल इसी अवधि में इन शहरों में 161 लाख वर्ग फुट आॅफिस स्पेस की लीजिंग हुई थी। यह इस साल बढ़कर 178 लाख वर्ग फुट हो गई है।
इसमें बताया गया कि छह शहरों बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता और पुणे में कार्यस्थल की मांग बढ़ी है। वहीं, केवल मुंबई में ही गिरावट आई है। कोलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (आॅफिस सेवाएं) अर्पित मेहरोत्रा ने कहा कि भारत का आॅफिस बाजार पिछले दो वर्षों की गति के आधार पर 2025 में भी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि विविधतापूर्ण किरायेदार आधार, स्थिर आपूर्ति और निवेशकों की रुचि इस प्रवृत्ति को समर्थन दे रही है। उन्होंने अनुमान लगाया कि 2025 के अंत तक आॅफिस स्पेस की कुल मांग 650 से 700 लाख वर्ग फुट तक पहुंच सकती है।
आंकड़ों के अनुसार शहरों की लीजिंग स्थिति इस प्रकार रही
बेंगलुरु में लीजिंग 48 लाख वर्ग फुट पर स्थिर रही।
चेन्नई में 30 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 26 लाख वर्ग फुट की लीजिंग हुई। यह पिछले साल 20 लाख वर्ग फुट थी।
दिल्ली-एनसीआर में लीजिंग 16 प्रतिशत बढ़कर 22 लाख वर्ग फुट रही। यह पिछले साल 19 लाख वर्ग फुट थी।
हैदराबाद में मांग 23 प्रतिशत बढ़ी और 32 लाख वर्ग फुट तक पहुंच गई। यह पिछले साल 26 लाख वर्ग फुट थी।
कोलकाता में मांग दोगुनी होकर 6 लाख वर्ग फुट हो गई।
पुणे में लीजिंग 60 प्रतिशत बढ़कर 16 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई। यह पिछले साल केवल 10 लाख वर्ग फुट थी।
मुंबई में लीजिंग 20 प्रतिशत घटकर 28 लाख वर्ग फुट रही। यह पिछले वर्ष 35 लाख वर्ग फुट थी।
भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर स्थापित होने की संभावना
कोलियर्स के अनुसार, कुल लीजिंग में से 135 लाख वर्ग फुट स्पेस सीधे कॉरपोरेट्स द्वारा लिया गया, जबकि 43 लाख वर्ग फुट स्पेस को-वर्किंग आॅपरेटरों ने लीज पर लिया , जो उसे अंतिम उपभोक्ताओं को सब-लीज करते हैं। अर्बन वॉल्ट के संस्थापक और सीईओ अमल मिश्रा ने कहा कि प्रतिस्पर्धी परिचालन लागत और बिल्ट-टू-सूट सुविधाओं की उपलब्धता के चलते आॅफिस स्पेस की मांग लगातार बढ़ रही है। हंटो वर्कस्पेस के संस्थापक आशीत वर्मा ने कहा कि विदेशी कंपनियों की ओर से कार्यालय स्थल की मांग मजबूत बनी हुई है, जो भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) स्थापित करना चाहती हैं।