‘ठाकरे भाइयों के गठबंधन से मुंबई निकाय चुनावों में भाजपा को नहीं होगा नुकसान’
मुंबई । मुंबई में नगर निकाय चुनाव होने वाले हैं। इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा ने एक आंतरिक सर्वे किया है। सत्तारूढ़ पार्टी के एक पदाधिकारी ने इस सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि अगर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के बीच गठबंधन हो भी जाता है, तो भी भाजपा को इससे कोई नुकसान नहीं होगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहन्मुंबई नगर निगम के साथ-साथ पुणे, ठाणे सहित अन्य प्रमुख नगर निकायों के चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। चुनावों के इस साल के अंत में होने की संभावना है।
चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच संभावित सुलह की अटकलें लगाई जा रही हैं। दोनों नेताओं ने इशारा दिया है कि वे मामूली मुद्दों को नजरअंदाज कर लगभग दो दशक के कटु अलगाव के बाद हाथ मिला सकते हैं। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा है कि मराठी भाषी लोगों के हित के लिए एकजुट होना मुश्किल नहीं है। वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह भी छोटे-मोटे झगड़े भुलाने को तैयार हैं, बशर्ते महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को शामिल न किया जाए। दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनावों में राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने महाराष्ट्र में भाजपा का समर्थन किया था, लेकिन छह महीने बाद ही दोनों ने विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा।
भाजपा पदाधिकारी ने बुधवार को कहा कि ठाकरे भाइयों के राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए भाजपा ने मुंबई के चुनावी परिदृश्य पर उद्धव-राज गठबंधन के संभावित प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए एक विस्तृत सर्वे किया। उन्होंने दावा किया कि आंतरिक सर्वे के निष्कर्षों से पता चला है कि संभावित गठबंधन से मुंबई में भाजपा को कोई नुकसान नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि सर्वे में संकेत मिला है कि भाजपा तीन प्रमुख कारकों के कारण मुंबई में मजबूत स्थिति में है। इसमें पारंपरिक मतदाता आधार का विश्वास, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नेतृत्व और पिछले राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी का मजबूत प्रदर्शन शामिल है।
भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि सर्वे से यह भी संकेत मिलता है कि 2022 में जब शिवसेना टूटी थी, तब मुंबई में उद्धव ठाकरे का असर कमजोर हुआ था, क्योंकि आधे से ज्यादा पार्षद एकनाथ शिंदे के साथ चले गए थे। वहीं, राज ठाकरे की पार्टी का प्रभाव भी बहुत सीमित माना गया है। भाजपा नेता ने यह भी कहा कि अगर उनकी पार्टी बीएमसी की 227 में से 150 सीटों पर चुनाव लड़े, तो उन्हें फायदा होगा। उसी हिसाब से पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।