मां-बाप, भाई-बहन समेत 7 की मौत, अकेला बचा लक्ष्य:बोला- पापा मेरी जिद पर ताजमहल दिखाने ले गए थे, हम अंताक्षरी खेल रहे थे
शुक्रवार को उन्नाव में हुए हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। 9 साल का लक्ष्य परिवार में अकेला बचा है। उसके मां-बाप, भाई-बहन, दो मौसी और नानी की मौत हो चुकी है। लक्ष्य लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में एडमिट है।
शुक्रवार शाम तक लक्ष्य के 4 साल के भाई आर्यन की हालत गंभीर थी। वह लक्ष्य के बगल के बेड पर ही एडमिट था। लेकिन, शनिवार सुबह उसकी भी मौत हो गई। हादसे के बाद से लक्ष्य बार-बार रो रहा था। कहता है…पापा-मम्मी और नानी के पास ले चलो। गौरी (बहन) के पास ले चलो। मुझे सबको देखना है, उनसे बात करनी है।
लक्ष्य को बार-बार रोता देखकर ट्रॉमा के डॉक्टर और स्टॉफ भी भावुक हो जाते हैं। समझाकर शांत कराते हैं। लेकिन, जब उसे अपने लोग नहीं दिखते तो फिर से रोने लगता। कहता है हम लोग आगरा में ताजमहल देखकर लौट रहे थे, हम सब गाड़ी में अंताक्षरी खेल रहे थे। फिर तेज आवाज हुई।
कार में 8 लोग थे, अब तक 7 की मौत
शुक्रवार दोपहर उन्नाव के औरास इलाके में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर डिजायर कार डिवाइडर तोड़ते हुए दूसरी लेन पर XUV कार से टकराकर गई। हादसे में डिजायर कार में सवार बाराबंकी के चित्रगुप्त नगर निवासी दिनेश कुमार राजपूत (35 साल), उनकी पत्नी अनीता सिंह (32 साल), बेटी गौरी (7 साल), बेटा आर्यन (4 साल) और बहराइच की रहने वाली उनकी साली प्रीति सिंह (28 साल), साली प्रिया सिंह (23 साल) और सास कांती सिंह (65 साल) की भी मौत हो गई। जबकि बेटा लक्ष्यवीर सुरक्षित है। उसकी हालत खतरे से बाहर है।
लक्ष्य बोला- हमारी जिद पर पापा आगरा घुमाने ले गए थे
लक्ष्य अभी मात्र 9 साल का है, वह तीसरी क्लास में पढ़ता है। पापा बाराबंकी में ही इलेक्ट्रॉनिक्स की शॉप चलाते थे। वह कहता है ,”हम लोगों की जिद पर पापा सभी को आगरा घुमाने ले गए थे। हमने ही मौसी और नानी को बुला लिया था कि साथ में चलेंगे। हम लोग आगरा में एक दिन रुके थे।”
लक्ष्य के मुताबिक, “पापा गाड़ी ड्राइव कर रहे थे। हम लोगों ने रास्ते में रुककर खाना खाया और पापा के पास वाली सीट पर मम्मी थी। मम्मी की गोद में बहन गौरी थी। पीछे वाली सीट पर दोनों मौसी, नानी व आर्यन था। हम लोग अंताक्षरी खेलते हुए आ रहे थे। फिर धमाके के बाद हमारी गाड़ी पलट गई।”
लक्ष्य ने बताया, “मम्मी, पापा, नानी, गौरी और मौसी सभी शांत थे। कोई कुछ बोल नहीं रहा था। चारों तरफ खून फैला था। इसके बाद पुलिस अंकल ने मुझे गोद में उठाया और गाड़ी में बिठाकर अस्पताल भेज दिया।”
बाबा बोले- कल ही वीडियो कॉल पर बात हुई थी, अब मनहूस खबर आई
बाराबंकी में लक्ष्य के दादा ये खबर सुनकर बदहवास हो गए। उन्होंने रूंधे गले से बताया कि मेरे चार बेटे हैं, जिनमें दिनेश दूसरे पर नंबर थे। दिनेश गुरुवार को परिवार, सास व सालियों को लेकर ताजमहल दिखाने ले गया था। वह रात को आगरा में रुका था। कल रात को सभी से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। सभी बहुत खुश थे। हमने कहा था कि कल आना। आज उनके आने से पहले ही ये मनहूस खबर आ गई। अब मुझे अपने बेटे को कंधा देना पड़ेगा ये मंजर कैसे देख पाऊंगा।
दिनेश की पत्नी अनीता सिंह बहराइच के भवापुरवा मुस्तफाबाद में प्राथमिक स्कूल में शिक्षा मित्र थी। वहीं, जिस एसयूवी से कार की टक्कर हुई। उसमें लखनऊ का रहने वाले पेंट डीलर सुभाष अग्रवाल (50) का परिवार सवार था। वह वृंदावन बांकेबिहारी के दर्शन करने जा रहे थे। सुभाष के साथ उनकी पत्नी शीला (50), बेटी पूजा ( 28), पौत्री आध्या, प्रिशा और पौत्र अनमोल भी था। सभी बच गए।