रूसी पत्रकार की रिपोर्ट से अटका किम का टूरिज्म प्लान, मेगा रिजॉर्ट में विदेशी पर्यटकों पर लगी रोक
प्योंगयांग । उत्तर कोरिया ने अपने नवनिर्मित वॉन्सन-काल्मा बीच रिजॉर्ट में विदेशी पर्यटकों की एंट्री पर रोक लगा दी है। यह वही रिजॉर्ट है जिसे तानाशाह किम जोंग उन ने इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया था। एक जुलाई को इस रिजॉर्ट को देश के नागरिकों के लिए खोला गया था और हाल ही में कुछ रूसी पर्यटकों को भी यहां लाया गया था। लेकिन अब आधिकारिक पर्यटन वेबसाइट डीपीआर कोरिया टूर ने घोषणा की है कि यह स्थान अस्थायी रूप से विदेशी पर्यटकों के लिए बंद है।
इस पाबंदी की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब कुछ दिन पहले ही रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इसी रिजॉर्ट में उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री और किम जोंग उन से मुलाकात की थी। लावरोव ने उस समय वादा किया था कि रूसी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए रूस विशेष प्रयास करेगा। उन्होंने यहां तक कहा था कि रूसी पर्यटक निश्चित ही यहां आने के लिए उत्साहित होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाबंदी उस रूसी पत्रकार की रिपोर्ट के बाद आई है, जो लावरोव के साथ उत्तर कोरिया गया था। रिपोर्ट में संकेत दिया गया था कि रिजॉर्ट में घूमने वाले उत्तर कोरियाई लोग वास्तविक पर्यटक नहीं थे, बल्कि उन्हें सरकार ने दिखावे के लिए भेजा था। इससे उत्तर कोरिया की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान हो सकता है। यही कारण है कि वहां की सरकार ने विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगा दी है।
रिजॉर्ट को बनाने में उत्तर कोरिया ने भारी खर्च किया है। वॉन्सन-काल्मा परियोजना देश की सबसे बड़ी पर्यटन योजनाओं में से एक मानी जाती है। दक्षिण कोरिया के थिंक टैंक वर्ल्ड इंस्टिट्यूट फॉर नॉर्थ कोरियन स्टडीज के प्रमुख आन चान-इल का कहना है कि अगर उत्तर कोरिया विदेशी पर्यटकों को यहां आने नहीं देगा, तो उसे आर्थिक घाटा सहना पड़ेगा। विदेशी मुद्राओं जैसे रूबल, युआन और डॉलर की आमद न होने पर सरकार को रिजॉर्ट बंद भी करना पड़ सकता है।
किम जोंग उन ने इस रिजॉर्ट को साल की सबसे बड़ी सफलता और देश में पर्यटन के विकास की ह्लगर्व की पहली सीढ़ीह्व बताया था। सरकारी मीडिया के अनुसार, यह जगह उत्तर कोरियाई पर्यटकों से भरी हुई है। हालांकि, अभी भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की वापसी को लेकर उत्तर कोरिया ने कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है।
उत्तर कोरिया ने कोविड-19 महामारी के समय से अपनी सीमाएं बंद कर रखी थीं। हाल ही में उसने सीमित संख्या में विदेशी नागरिकों के प्रवेश की अनुमति दी है। फरवरी 2025 में एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटक समूह को रासन शहर जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन वह कार्यक्रम एक महीने से भी कम समय में रद्द कर दिया गया। चीनी टूर ग्रुप्स, जो महामारी से पहले कुल पर्यटकों का 90% हिस्सा थे, अभी भी शुरू नहीं हुए हैं।