तंजीम हत्याकांडः आगरा में आतंकवादियों के स्लीपर सेल!

आगरा. अगर एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के डिप्टी एसपी तंजील अहमद की हत्या में कोई आतंकी हाथ है, तो यह खबर चौंका सकती है। हत्यारोपी मुनीर अहमद का नजदीकी आगरा के होटल में मौज कर रहा था। आगरा पुलिस को कोई खबर ही नहीं थी। मुरादाबाद पुलिस सूंघत-सूंघते पहुंच गई। आखिरकार उसे पकड़ लिया गया। इसी तरह के लोग ‘स्लीपर सेल’ कहलाते हैं। स्लीपर सेल अपने लक्ष्य को साधने के बाद भीड़ में खो जाते हैं। सुरक्षा एजेंसियां स्लीपर सेल की लगातार खोजबीन करती रहती हैं।
इससे मिल रहे बड़े संकेत
एनआईए अधिकारी तंजील अहमद की हत्या के संदिग्धों की तलाश में पुलिस और खुफिया तंत्र के निशाने पर फिर अल्पसंख्यक बहुल इलाके हैं। इस बार नाई की मंडी स्थित होटल से आधा दर्जन संदिग्धों को दबोचा गया। चूंकि मामला हाईप्रोफाइल है, इसलिए पुलिस के आला अफसरों ने अपने मुंह पर ताला डाल लिया। स्थानीय अफसरों की चुप्पी और बाहरी जिले की पुलिस और खुफिया तंत्र की सक्रियता कुछ बड़े संकेत दे रही है।
स्लीपर सेल की मौजूदगी का इशारा
एनआईए अधिकारी तंजीम अहमद की हत्या के बाद खुफिया एंजेसियों के साथ पुलिस की अब की जांच पड़ताल में जो बात सामने आ रही है, वो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्लीपर सेल की मौजूदगी की तरफ इशारा करने को काफी है। हालांकि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने तंजीम हत्याकांड को रंजिश का मामला बताया है। आगरा में बार-बार आतंकी गतिविधियों का होना यह संकेत देता है कि यहां स्लीपर सेल हैं।
डिप्टी एस पी तनज़ील अहमद ने तोड़ी थी स्लीपर सेल
एनआईए अधिकारी तंजीम अहमद सीक्रेट कोड रिकवर करने के माहिर माने जाते थे। इसी आधार पर उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से स्लीपर सेल की कमर तोड़ने के लिए काम किया। उनकी हत्या के पीछे जो कनेक्शन निकल कर सामने आ रहे हैं, उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंतक की एक नई इबारत को जन्म तो दे ही दिया है।
प्याऊ पर लिखा था आईएसआईएस कमिंग सून
कुछ माह पूर्व शहर के व्यस्ततम इलाके फुलट्टी बाजार में एक प्याऊ पर आईएसआईएस कमिंग सून लिखा हुआ मिलने से पुलिस विभाग और ख़ुफ़िया एजेंसियों में हड़कम्प मच गया था। हालांकि बाद में अधिकारियों ने इसे किसी सिरफिरे की शरारत करार दे दिया था।
रिचर्ड हेडली आ चुका है आगरा
आगरा में इससे पहले भी कई आतंकी शरण पाकर अपने मंसूबों को अंजाम दे चुके हैं। इनकी पुलिस को कानों-कान खबर तक नहीं लगी। मुंबमई हमले के मुख्य आरोपी रिचर्ड हेडली का आगरा में आकर रेकी करने का मामला सबसे प्रमुख है। इतना ही नही जय हॉस्पिटल और टेढ़ी बगिया के एक ढाबे पर बम ब्लास्ट, तमाम बार आंतकियों का आगरा आकर चला जाना भी उनकी पसंदीदा शरण स्थली होने का सबूत देने के लिए काफी है।

– See more at: http://www.patrika.com/news/agra/terrorists-sleeper-cells-in-agra-1264791/#sthash.XSEwILqc.dpuf