अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका-भारत संबंध मजबूत करेंगे सर्जियो गोर; ट्रंप बोले- भारत के साथ रिश्ता सबसे महत्वपूर्ण

वॉशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वे अपने करीबी सहयोगी सर्जियो गोर को भारत में नया राजदूत नियुक्त कर रहे हैं, ताकि अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को और मजबूत किया जा सके। उन्होंने इस पद को बड़ा और अहम दायित्व बताते हुए कहा कि गोर अब ह्लहमारे देश के सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय रिश्तेह्व को सशक्त बनाने का काम करेंगे।
उप राष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने व्हाइट हाउस के ओवल आॅफिस में आयोजित एक विशेष समारोह में सर्जियो गोर को शपथ दिलाई। इस मौके पर ट्रंप के साथ विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट, अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी और कई शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।
गोर के शपथ ग्रहण पर उपस्थित सभी लोगों ने तालियों और खुशी के साथ उनका स्वागत किया। ट्रंप ने गोर से हाथ मिलाते हुए कहा मैं सर्जियो पर भरोसा करता हूं कि वह भारत के साथ हमारे देश के सबसे अहम संबंधों को और मजबूत करेंगे। यह वास्तव में एक बड़ा काम है।
शपथ ग्रहण के बाद सर्जियो गोर ने कहा कि यह उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। उन्होंने कहा मैं अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों को और बेहतर बनाने के लिए पूरी लगन से काम करूंगा। गोर ने ट्रंप को धन्यवाद देते हुए कहा आपके नेतृत्व में जो उपलब्धियां हुई हैं, वे ऐतिहासिक हैं। मैं आपके साथ काम करके गर्व महसूस करता हूं और आगे भी हमेशा आपके साथ रहूंगा।
ट्रंप ने भारत की सराहना करते हुए कहा भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है और अब यह दुनिया का सबसे बड़ा देश भी है, जिसकी आबादी 1.5 अरब से अधिक है। उन्होंने आगे कहा सर्जियो इस भूमिका में शानदार काम करेंगे। भारत के राजदूत का पद बेहद महत्वपूर्ण है।
सर्जियो गोर, ट्रंप प्रशासन में प्रेसिडेंशियल पर्सनल डायरेक्टर रह चुके हैं। अगस्त में ट्रंप ने उन्हें भारत में राजदूत और दक्षिण व मध्य एशिया के लिए विशेष दूत नियुक्त किया था। उन्होंने ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में भी अहम भूमिका निभाई थी। सेनेट ने अक्तूबर में गोर की नियुक्ति को मंजूरी दी थी।
अपने सेनेट कन्फर्मेशन हियरिंग के दौरान गोर ने कहा था कि भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है और आने वाले समय में उसकी भूमिका पूरे क्षेत्र और विश्व को प्रभावित करेगी। उन्होंने कहा था कि भारत के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत करने से अमेरिका की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और चीन के आर्थिक दबदबे को कम करने में मदद मिलेगी।
हाल के महीनों में भारत और अमेरिका के बीच संबंध व्यापारिक शुल्क और ऊर्जा नीति को लेकर तनाव में रहे हैं। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगाया था, जिसमें रूसी तेल की खरीद पर 25% शुल्क भी शामिल था। भारत ने इसे ह्लअनुचित और एकतरफा निर्णयह्व बताया था, हालांकि उसने यह भी कहा कि उसकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हित पर आधारित है।

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