आगरा

राज्यसभा सांसद रामजिलाल ने केंद्र सरकार के खिलाफ बारिश में किया विरोध, 250 समर्थकों के साथ हॉल में बैठे।

एसपी सांसद रामजिलाल सुमन का धरना

आज आगरा में एसपी के सांसद रामजिलाल सुमन ने केंद्र सरकार के खिलाफ गांधी मेमोरियल में धरना दिया। इस धरने में सांसद के साथ लगभग 250 समर्थक शामिल हुए, लेकिन भारी बारिश के कारण कई लोग नहीं आ सके। धरने के दौरान कुर्सियां खुली पड़ी रहीं, और अंततः सांसद और उनके समर्थक गांधी मेमोरियल हॉल में जाकर एकत्रित हुए।

पेट्रोलियम मंत्रालय का पोस्टर विवाद

धरने का मुख्य मुद्दा पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा जारी एक पोस्टर था, जिसमें वीर सावरकर की तस्वीर महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह के चित्रों के ऊपर दिखाई गई थी। इस पोस्टर का सुमन ने विरोध किया है। उनका कहना है कि महात्मा गांधी की तुलना में किसी अन्य की तस्वीर का होना मानसिक विकृति को दर्शाता है।

आरएसएस पर उठाए सवाल

इसके पूर्व 23 अगस्त को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सुमन ने आरएसएस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि मोदी सरकार आरएसएस के इशारों पर चल रही है। उनका आरोप था कि आरएसएस का आदर्श हिटलर है और मोदी सरकार एक तानाशाही विचारधारा को लागू कर रही है।

सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप

सुमन ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्यसभा में बताया कि पिछले 10 वर्षों में, विपक्ष के 193 नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मामले दायर किए गए हैं, जिनमें से केवल दो ही दोषी साबित हुए हैं। इसका मतलब यह है कि आर्थिक अपराधों में दायर मामलों की सजा का औसत केवल 1 प्रतिशत है। उनका यह भी कहना था कि मोदी सरकार ईडी और सीबीआई का उपयोग अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ कर रही है।

विपक्ष के नेताओं के खिलाफ मामलों का दुरुपयोग

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि विपक्ष के 25 बड़े नेताओं को आर्थिक अपराधों के मामलों में भाजपा में शामिल किया गया था। इसके अलावा, 23 नेताओं को उनकी पार्टी के हित के लिए बेकार मान लिया गया और उनके खिलाफ चल रहे मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

निष्कर्ष

सांसद रामजिलाल सुमन का धरना और उन द्वारा उठाए गए मुद्दे यह दर्शाते हैं कि केंद्र सरकार की नीतियों और प्रक्रियाओं के खिलाफ समर्थन और विरोध का एक माहौल बना हुआ है। उनके द्वारा की गई बातें न केवल वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर एक प्रकाश डालती हैं, बल्कि जनता को भी जागरूक करती हैं कि कैसे राजनीतिक शक्तियों का उपयोग किया जा रहा है।

इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र में विचारों की अभिव्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और निश्चित रूप से राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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