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सीबीआई ने असम में एसबीआई के पूर्व शाखा प्रबंधक पर दर्ज किया नया मामला, आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप

नई दिल्ली । केंद्रीय जांच ब्यूरो ने असम में भारतीय स्टेट बैंक की एक शाखा के पूर्व प्रबंधक के खिलाफ अवैध संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया है। उनपर कथित रूप से 80 लाख रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति रखने का आरोप है।
अधिकारी ने बताया कि एसबीआई रामकृष्णनगर शाखा, करीमगंज के पूर्व शाखा प्रबंधक पिंकू कुमार पहले से ही दूसरे मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। उनपर जाली दस्तावेजों का उपयोग करके ऋण स्वीकृत करने से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले में कथित मिलीभगत करने का आरोप है।
सीबीआई की शिलांग स्थित भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने प्रारंभिक जांचकर्ता से शिकायत प्राप्त होने के बाद 27 जून को पिंकू कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का नया मामला दर्ज किया। आरोप है कि पिंकू कुमार ने 1 अप्रैल 2019 से 27 मार्च 2025 तक की अवधि के दौरान जानबूझकर अवैध रूप से धन अर्जित करते हुए आपराधिक कदाचार किया। सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान उनके पास आय से अधिक 99.20 लाख रुपये (81.84 प्रतिशत महंगाई भत्ता) के वित्तीय संपत्ति पाई गई, जिसका वे संतोषजनक हिसाब नहीं दे पाएं।
आपराधिक कदाचार के मामले में की गई प्रारंभिक जांच का संज्ञान लेते हुए, सीबीआई ने कहा कि शिकायत में पिंकू कुमार की ओर से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 13(2) सह 13(1)(बी) के तहत दंडनीय संज्ञेय अपराधों का खुलासा करते हैं। अधिनियम की धारा 13 में लोक सेवकों द्वारा किए जाने वाले आपराधिक कदाचार के विभिन्न रूपों को परिभाषित किया गया है। इनमें अपने पद का दुरुपयोग करना, संपत्ति का दुरुपयोग करना या अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखना शामिल है।
इससे पहले मार्च में, सीबीआई ने पिंकू कुमार के साथ दो दलालों सुमेन पॉल और जादाब पॉल को भी भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में नामजद किया था। इन दोनों मामलों में संघीय एजेंसी की छापेमारी में 481 ग्राम सोना, 11.11 ग्राम हीरे जड़ित आभूषण और 1,092 ग्राम चांदी जब्त की गई। सीबीआई की जांच से पता चला कि पूर्व बैंक प्रबंधक ने दो दलालों के साथ मिलकर साजिश रची और कथित तौर पर जाली कागजात के आधार पर ऋण स्वीकृत किए, जिससे एसबीआई को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।

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