‘आपरेशन सिंदूर में अदाणी समूह की कंपनी के बनाए ड्रोन्स ने निभाई अहम भूमिका’, गौतम अदाणी ने किया दावा

नई दिल्ली। अदाणी समुह के प्रमुख गौतम अदाणी ने मंगलवार को दावा किया कि उनके समूह की ओर से बनाए गए ड्रोन और ड्रोन रोधी प्रणालियों ने आॅपरेशन सिंदूर में अग्रणी भूमिका निभाई थी। आॅपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले जवाब में शुरू किया गया था। यह एक सटीक आतंकवाद रोधी हमला था।
अपने समूह की वार्षिक शेयरधारक बैठक में बोलते हुए अदाणीनी ने कहा, “आॅपरेशन सिंदूर ने आह्वान किया और हमने उसे पूरा किया।” अदाणी डिफेंस की ओर से निर्मित हथियारों ने सटीक हमले किए, जबकि इसकी ड्रोन रोधी इकाइयों ने जवाबी खतरों से भारतीय संपत्तियों की रक्षा की।
उन्होंने कहा, “हमारे ड्रोन आसमान में नजर रखने वाली आंखें और हमले की तलवार बन गए हैं और हमारी ड्रोन रोधी प्रणालियों ने हमारे बलों और नागरिकों की सुरक्षा में मदद की है।” अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज (अदाणी डिफेंस की 26 प्रतिशत स्वामित्व वाली) और इस्राइील की एल्बिट सिस्टम्स की साझेदारी में विकसित स्काईस्ट्राइकर लोइटरिंग म्यूनिशन या कामिकेज ड्रोन 5-10 किलोग्राम तक के हथियार ले जा सकते हैं, 100 किलोमीटर तक की कम ऊंचाई पर चुपचाप उड़ सकते हैं, और लक्ष्य पर सटीक हमला कर सकते हैं।
अदाणी ने कहा, “जैसा कि मैंने हमेशा माना है- हम सुरक्षित क्षेत्रों में काम नहीं करते हैं। हम वहां काम करते हैं जहां यह जरूरी है- जहां भारत को हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है।” अदाणी ने वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए सीमाओं की रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों को सलाम भी किया।
उन्होंने कहा, “इस वर्ष, आॅपरेशन सिंदूर के दौरान, हमारे बहादुर पुरुष और महिलाएं वर्दी में डटे रहे। प्रसिद्धि के लिए नहीं, पदकों के लिए नहीं- बल्कि कर्तव्य के लिए। उनके साहस ने हमें याद दिलाया कि: शांति कभी मुफ्त नहीं मिलती, इसे अर्जित किया जाता है। और सपने देखने, निर्माण करने और नेतृत्व करने की स्वतंत्रता- उन लोगों के कंधों पर मजबूती से टिकी है जो इसकी रक्षा करते हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत शांति के महत्व को समझता है। उन्होंने आपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा, “लेकिन अगर कोई उसे धमकाने की हिम्मत करता है, तो भारत उसकी भाषा में जवाब देना भी जानता है।” अदाणी ने कहा कि पिछले 12 महीनों में दुनिया नाटकीय रूप से बदल गई है।
उन्होंने कहा, “60 से अधिक देशों में मतदान हुआ। सीमाएं फिर से निर्धारित की गईं, गठबंधनों का परीक्षण किया गया और अर्थव्यवस्थाएं हिल गईं। मध्य पूर्व में युद्ध की छाया ऊर्जा और रसद पर बनी रही। यूरोप में आर्थिक आत्मविश्वास डगमगाया। संयुक्त राज्य अमेरिका के सामने अपनी चुनौतियां थीं। और फिर भी, इस सारे शोर के बीच, भारत अलग खड़ा रहा और किसी भी अन्य प्रमुख राष्ट्र की तुलना में तेजी से आगे बढ़ा।”
उन्होंने कहा कि यह महज संयोग नहीं है। “यह दूरदृष्टि, इरादे और नीति का नतीजा है। मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि केंद्र और राज्यों में भारत सरकार ने एक सच्चे ऐतिहासिक बदलाव की नींव रखी है- यह बदलाव कुछ लोगों का नहीं, बल्कि पूरे देश का है, जिसके बेहतरीन अध्याय अभी शुरू हो रहे हैं।”