ईरान-इस्राइल संघर्ष के बीच शेयर बाजार में बिकवाली, सेंसेक्स-निफ्टी कमजोर पड़े

नई दिल्ली । वैश्विक बाजारों में कमजोरी और इस्राइल के ईरान पर हमले के बाद ब्रेंट क्रूड की कीमतों में तेजी आई। इसके असर से शुक्रवार को शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में करीब एक प्रतिशत गिरकर बंद हुए। हफ्ते के पांचवे कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान पर बंद हुए। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 573.38 अंक या 0.70 प्रतिशत गिरकर 81,118.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान 1,337.39 अंक या 1.63 प्रतिशत गिरकर 80,354.59 अंक पर आ गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 169.60 अंक या 0.68 प्रतिशत गिरकर 24,718.60 अंक पर आ गया।
सेंसेक्स की कंपनियों में अदाणी पोर्ट्स, आईटीसी, भारतीय स्टेट बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख रूप से पिछड़ गए। दूसरी ओर, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, सन फार्मा और मारुति में लाभ रहा।
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 सूचकांक, शंघाई का एसएसई कम्पोजिट सूचकांक और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट में बंद हुए। यूरोपीय बाजार में गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को अमेरिकी बाजार सकारात्मक दायरे में बंद हुए।
वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 7.44 प्रतिशत बढ़कर 74.52 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें 76 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गईं, जो इस साल का उच्चतम स्तर है। इससे मुद्रास्फीति की स्थिति पैदा हो सकती है। इस्राइल-ईरान संघर्ष के बीच विदेशी पूंजी की बिकवाली देखने को मिली। इससे भारतीय बाजारों में दबाव देखा गया। निवेशकों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति काफी बढ़ गई है।
मई में भारत की उपभोरक्ता उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आरबीआई की सहज सीमा से नीचे आ गया। इससे सकारात्मक मैक्रो संकेत मिला, लेकिन बाजार के बाहरी अनिश्चतताओं से घिरे रहने की आशंका है। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 3,831.42 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। गुरुवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 823.16 अंक या 1 प्रतिशत गिरकर 81,691.98 पर बंद हुआ था।