खुलासा: विदेश भागने की फिराक में थे लॉरेंस गैंग के 40 गुर्गे

चंडीगढ़ । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खुलासा किया है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ में फैले लॉरेंस गैंग के करीब 40 गैंगस्टर विदेश भागने की फिराक में थे। ये सभी लॉरेंस के करीबी उत्तराखंड निवासी राहुल सरकार के संपर्क में थे।
एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और चंडीगढ़ में बड़ी वारदात को अंजाम दिलवाने के बाद आरोपी राहुल सरकार को मैसेज भेजकर उसके शूटरों या गैंगस्टरों को विदेश भेजने का बंदोबस्त कराता था।
एनआईए ने जांच में अंदेशा जताया है कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड और महाराष्ट्र के एनसीपी अजीत गुट के नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में शामिल शूटरों को भी विदेश भगाने के लिए राहुल सरकार के फर्जी पासपोर्ट के नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ है।
एनआईए ने 23 मई को लॉरेंस गैंग के फर्जी पासपोर्ट के नेटवर्क को आॅपरेट कर रहे आरोपी राहुल सरकार को दबोचा था। 22 गैंगस्टर पंजाब के एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि इन 40 गैंगस्टरों में से 22 सिर्फ पंजाब के हैं, जो आरोपी राहुल सरकार के संपर्क में थे।
2022 में हुए सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य आरोपी सचिन थापन को भी विदेश भागने में राहुल सरकार ने मदद की थी। एनआईए ने पंजाब पुलिस के साथ इनपुट साझा किए हैं।
विदेश भागने की तैयारी कर रहे गैंगस्टरों में मंदीप सिंह और जतिंदर सिंह भी शामिल हैं। मनदीप सिंह ने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में शूटरों को पनाह दी थी। मनदीप ने 2017 में गैंगस्टर दीपक टीनू को विदेश भगाने में भी मदद की थी। आरोपी मनदीप सिंह पर चंडीगढ़ और हरियाणा में हत्या के प्रयास, लूट, फिरौती और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हैं।
इसी तरह लॉरेंस गैंग के गैंगस्टर अंकित, अजय सिंह उर्फ अजयपाल, लखविंदर उर्फ लक्की, हरजिंदर सिंह उर्फ लाडी, सुबीर सिंह उर्फ सुबी, अर्शदीप सिंह, शुभम कुमार, महफूज उर्फ विशाल खान व अन्य कई गैंगस्टर शामिल थे।
एनआईए के अधिकारी ने बताया आरोपी राहुल सरकार अब तक लॉरेंस गैंग के 50 से ज्यादा गैंगस्टरों को फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भेज चुका है। इसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई नामी गैंगस्टर शामिल हैं। अधिकारी के मुताबिक अब एनआईए अलग-अलग राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर राहुल सरकार से पूछताछ में जिन गैंगस्टरों के नाम सामने आए हैं।
इन सबका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। एनआईए ने गृह मंत्रालय के साथ भी एक रिपोर्ट साझा की है। एनआईए की कोशिश है कि विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भागे लॉरेंस गैंग के गुर्गों को वापस भारत डिपोर्ट कराया जा सके।