ठाणे के बिल्डर को लोन धोखाधड़ी में लगा 2.7 करोड़ रुपये का चूना


मुंबई। ठाणे के बिल्डर को ठगों ने लोन धोखाधड़ी के जरिए 2.7 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि महाराष्ट्र के ठाणे जिले के एक बिल्डर को कम ब्याज दर पर व्यवसाय ऋण देने का वादा करके 2.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।
अधिकारी ने रविवार को बताया कि 68 वर्षीय शिकायतकर्ता अंबरनाथ का रहने वाला है। वह अपने दो बेटों के साथ निर्माण व्यवसाय चलाता है। उसे 25 करोड़ रुपये के ऋण की जरूरत थी। बाद में एक परिचित ने उसे नासिक के रहने वाले आरोपी से मिलवाया।
शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने अपनी कंपनी के माध्यम से सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर 25 करोड़ रुपये के ऋण की व्यवस्था करने का वादा किया और 4 अगस्त, 2017 को पीड़ित की फर्म के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के अनुसार, पीड़ित को 2.5 करोड़ रुपये का 10 प्रतिशत सेवा शुल्क देना था। अगस्त 2017 और जनवरी 2019 के बीच पीड़ित ने आरोपी की कंपनी से जुड़े बैंक खातों में तीन किस्तों में कुल 2.7 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। उन्होंने कहा कि बार-बार फॉलो-अप के बावजूद वादा किया गया ऋण कभी स्वीकृत नहीं हुआ और आरोपी अग्रिम राशि के पुनर्भुगतान में देरी करता रहा।
अधिकारी ने बताया कि हमने पीड़ित की लिखित शिकायत के आधार पर शुक्रवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। उनका दावा है कि आरोपी ने खुद को ऋण सुविधाकर्ता के रूप में गलत तरीके से पेश किया और व्यवसाय विस्तार के लिए दिए गए धन को हड़प लिया। पुलिस ने कहा, ‘हम सबूत इकट्ठा कर रहे हैं और शिकायतकर्ता के सभी बैंक लेनदेन विवरणों की पुष्टि कर रहे हैं।’
ठाणे जिले के भिवंडी शहर में 7.2 लाख रुपये की बिजली चोरी के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि बिजली आपूर्ति कंपनी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने शुक्रवार को विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत प्राथमिकी दर्ज की। आरोपियों ने 13 अप्रैल, 2024 से 12 अप्रैल, 2025 के बीच एक ट्रांसफॉर्मर से अवैध रूप से बिजली प्राप्त की। इस अवैध कनेक्शन ने वोल्टमीटर को बायपास कर दिया, जिससे उन्हें बिना पता लगे अनधिकृत बिजली खींचने की अनुमति मिल गई। अधिकारी ने बताया कि तीनों ने कथित तौर पर 19,212 यूनिट बिजली चुराई, जिससे कंपनी को 7.24 लाख रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि आगे की जांच जारी है।