मकान मालिक व किरायेदार विवादों का शीघ्र निपटारा करें अदालतें


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों में लंबित किरायेदारी मामलों पर चिंता जताते हुए निर्देश दिया कि सभी अदालतें मकान मालिक-किरायेदार विवादों का निपटारा शीघ्र करें। शीर्ष अदालत बॉम्बे हाईकोर्ट से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही थी। इसमें प्रति वर्ग फुट दर पर हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। यह मामला हिंदुस्तान आॅर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड द्वारा मुंबई स्थित हरचंद्राय हाउस को किराये पर लेने से जुड़ा है।
जस्टिस संजय करोल व जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से वहां लंबित ऐसे मामलों की समीक्षा करने का अनुरोध किया। पीठ ने कहा कि कुछ मामलों में वादियों को अपने विवादों के निपटारे के लिए वर्षों तक इंतजार करना पड़ता है। जब मकान मालिक-किरायेदार विवाद की बात आती है, तो इसमें एक पक्ष के संपत्ति के लाभ से वंचित होने और दूसरे पक्ष के ऐसी संपत्ति के स्वामित्व से प्राप्त होने वाले मौद्रिक लाभ से वंचित होने का पहलू भी शामिल होता है। अदालतों का यह कर्तव्य है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके कारण किसी भी पक्ष को परेशानी न हो।