नर्सरी शिक्षकों का राष्ट्रीय प्रशिक्षण अभियान शुरू
राज्यपाल ने बताया शिक्षा-चिकित्सा ही समाज की रीढ़
पटना। पटना में रविवार को प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय मुख्यालय में एक ऐतिहासिक आयोजन ने शिक्षा के क्षेत्र में नया अध्याय जोड़ा। बिहार के माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय और के बीच हुए एमओयू के तहत देशभर के निजी स्कूलों के नर्सरी शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर राज्यपाल ने शिक्षा और चिकित्सा को समाज की रीढ़ बताते हुए इस पहल को शिक्षा क्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया।
प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय मुख्यालय में आयोजित इस समारोह में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ डॉ. अब्दुल अहमद हई, फादर पीटर, डॉ. एस पी वर्मा और एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की। इस अवसर पर बिहार के कोने-कोने से आए नर्सरी शिक्षकों को सम्मानित किया गया। फौजिया खान को इस अभियान में सर्वप्रथम नामांकन के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस आयोजन में 400 से अधिक लोग मौजूद थे, जिनमें संजीव चौरसिया, फरहत हुसैन, प्रो एस पी शाही, डॉ. श्याम नारायण कुंअर, डॉ. देवानंद झा, तमाल मुखर्जी और अनिल कुमार जैसे गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वह शक्ति है जो व्यक्ति को आत्मबोध, नैतिक बल और सामाजिक उत्तरदायित्व से जोड़ती है। उन्होंने शिक्षकों और चिकित्सकों को समाज की रीढ़ बताते हुए कहा कि एक स्वस्थ तन और शिक्षित मन ही किसी राष्ट्र को अजेय बनाता है। राज्यपाल ने निजी स्कूलों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि ये स्कूल न केवल शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि लाखों छात्रों और शिक्षकों के जीवन को दिशा देते हैं। उन्होंने इस एमओयू को प्रारंभिक शिक्षा में गुणवत्ता और मूल्य-आधारित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।