DGFT: सरकार ने प्लैटिनम मिश्र धातु के आयात पर लगाया प्रतिबंध
आयातकों को अब लेनी होगी डीजीएफटी से मंजूरी
नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को 99 प्रतिशत से कम शुद्धता वाले प्लैटिनम मिश्र धातु पर आयात प्रतिबंध लगा दिया। सरकार की ओर से यह कदम भारी मात्रा में सोने के साथ मिश्रित इस बहुमूल्य धातु के अवैध आयात पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है। ऐसे प्लैटिनम मिश्र धातुओं के आयातकों को अब इनबाउंड शिपमेंट के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) से आयात प्राधिकरण प्राप्त करना आवश्यक है। यह निर्णय ऐसे कुछ मामलों के बाद लिया गया है, जहां सोने और प्लैटिनम के बीच टैरिफ अंतर का फायदा उठाने के लिए इस मिश्र धातु को काफी मात्रा में सोने के साथ मिश्रित करके आयात किया गया था। डीजीएफटी ने एक अधिसूचना में कहा, “प्लेटिनम की आयात नीति को मुक्त से संशोधित कर प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह बदलाव प्लैटिनम के भार के अनुसार 99 प्रतिशत या उससे अधिक शुद्धता वाले प्लैटिनम मिश्र धातु पर लागू नहीं होगा।”
आभूषण निर्माण और औद्योगिक उपयोग के लिए प्लैटिनम की आपूर्ति सुचारू बनी रहे इसके लिए सरकार ने 99 प्रतिशत या उससे अधिक शुद्धता वाले प्लैटिनम मिश्र धातु के अप्रतिबंधित आयात की मंजूरी दे दी है। आर्थिक थिंक टैंक जीटीआरआई ने पिछले वर्ष भारत-यूएई व्यापार समझौते की तत्काल समीक्षा की मांग की थी। समझौते में कहा गया था कि यह समझौता शून्य टैरिफ के साथ यूएई से भारत में सोने, चांदी, प्लैटिनम और हीरे के असीमित आयात की अनुमति देता है।
जीटीआरआई ने कहा था कि वर्तमान में दुबई से सोने का आयात 5 प्रतिशत शुल्क पर किया जा सकता है, लेकिन यदि मिश्र धातु में 2 प्रतिशत प्लैटिनम है तो यह तीन वर्षों में शून्य हो जाएगा। जीटीआरआई ने यह भी दावा किया था कि कई आयात मूल नियमों की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं और इसलिए, रियायतों के लिए योग्य नहीं हैं। अक्तूबर 2024 में, भारत ने यूएई से चांदी के उत्पादों, प्लैटिनम मिश्र धातु और सूखे खजूर के आयात में उछाल पर चिंता जताई और देश से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत नियमों को दरकिनार न किया जाए। यूएई ने भारत द्वारा उठाई गई चिंताओं की जांच करने पर सहमति जताई थी।