CBSE: दूसरी बार परीक्षा के लिए छात्र अपनी पसंद से कर सकेंगे विषयों का चयन
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने वर्ष 2026 से दो बार बोर्ड परीक्षा करवाने की रूपरेखा जारी की है। दूसरी बार बोर्ड परीक्षा के लिए छात्र अपनी पसंद से विषयों का चयन कर परीक्षा दे सकेंगे। सीबीएसई के चेयरपर्सन राहुल सिंह के अनुसार एनईपी-2020 की सिफारिशों के अनुसार सीबीएसई द्वारा दसवीं कक्षा में दो बार बोर्ड परीक्षाओं के संचालन के लिए मसौदा जारी किया है। विस्तृत विचार विमर्श के बाद यह तैयार किया गया है।
कक्षा 10 के विषयों में कोई बदलाव नहीं
परीक्षाओं के संचालन की वर्तमान व्यवस्था से प्रमुख विचलन यह होगा कि कुछ विषयों की परीक्षाएं दो से तीन बार आयोजित करने का प्रस्ताव है। ताकि छात्रों द्वारा प्रस्तावित विषयों की पसंद को समायोजित किया जा सके। इससे परीक्षाओं की अवधि कम हो जाएगी। इस मसौदे की मुख्य विशेषता परीक्षा की वर्तमान योजना को जारी रखना है, जबकि दूसरी बार बोर्ड परीक्षा में छात्र अपनी इच्छा से जितने चाहें उतने विषयों में परीक्षा का अवसर प्रदान किया जाएगा।
बोर्ड 45 भाषाओं की पेशकश करेगा
इसका उद्देश्य छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने का एक और अवसर प्रदान करना है। सीबीएसई के अनुसार बोर्ड कक्षा नौवीं और दसवीं में 16 शैक्षणिक विषय, 23 कौशल विषय और 45 भाषाएं पढ़ने की पेशकश करता है। छात्र शैक्षणिक विषयों की सूची में से कोई भी दो भाषाएं और तीन वैकल्पिक विषय का चयन कर सकते है।
इसके अतिरिक्त छात्रों को छठें विषय के तौर पर कौशल विषय और सातवें विषय के तौर पर एक भाषा को ले सकते है। इसके अनुसार एक छात्र अधिकतम सात विषय ले सकता है। इस योजना के तहत विषयों और विकल्पों की यह योजना 2026 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए भी अपरिवर्तित रहेगी।
सीबीएसई कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा तिथि 2026
सीबीएसई कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा 2026 दो बार आयोजित की जाएगी – पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च तक और दूसरा चरण 5 मई से 20 मई तक आयोजित किया जाएगा। छात्रों को सीबीएसई द्वारा तैयार किए गए फॉर्मूले और छात्र द्वारा पेश किए गए विषय संयोजन के आधार पर परीक्षा का दिन आवंटित किया जाएगा। कई दिनों में आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए, छात्रों को परीक्षा की तारीखों का चयन करने का विकल्प नहीं दिया जाएगा। हितधारकों और जनता को प्रतिक्रिया भेजने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, अध्यक्ष ने कहा कि 9 मार्च से पहले भेजे गए सुझावों की समीक्षा के बाद अंतिम नीति प्रकाशित की जाएगी।