यूपी:अप्रैल से बढ़ेगा प्रदेश के चार एक्सप्रेसवे का टोल शुल्क

पांच फीसदी शुल्क बढ़ाने का अनुमान
लखनऊ। प्रदेश में एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भरना नए वित्त वर्ष से महंगा होगा। आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का टोल शुल्क नए वित्त वर्ष 25-26 में फिर बढ़ेगा। शुल्क बढ़ाने के लिए यूपीडा सलाहकार कंपनी का चयन करेगा। माना जा रहा है कि कम से कम 5 फीसदी टोल शुल्क बढ़ सकता है। पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव से टोल शुल्क में मामूली वृद्धि की गई थी। उप्र. एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी (यूपीडा) द्वारा संचालित बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के टोल शुल्क में खास वृद्धि नहीं की गई थी। तब अधिकांश बोझ भारी वाहनों पर डाला गया था। दो पहिया, तीन पहिया, कार जैसे हल्के वाहनों को इससे मुक्त रखा गया था। यूपीडा अब इन तीनों के अलावा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के टोल शुल्क में भी वृद्धि की तैयारी कर रहा है। इस लिंक एक्सप्रेसवे को अप्रैल में वाहनों के लिए खोला जाएगा। मार्च में इसके उद्घाटन की तैयारी है। बता दें, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का औसत टोल शुल्क आगरा-लखनऊ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की तुलना में सबसे ज्यादा है। महंगे शुल्क के मामले में इन तीनों में गोरखपुर दूसरे नंबर पर है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर एक तरफ का प्रति किलोमीटर औसत शुल्क 9.24 रुपये और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर प्रति किलोमीटर औसत टोल 8.63 रुपये है।

थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर बढ़ता है शुल्क
एक्सप्रेसवे का टोल शुल्क एक अप्रैल से थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर बढ़ाया जाता है। नई दरों की गणना के लिए यूपीडा ने सलाहकार कंपनियों को आमंत्रित किया है। टोल शुल्क की नई दरों की गणना एक तरफ यात्रा, रिटर्न यात्रा और मासिक पास के आधार पर की जाएगी। वर्तमान टोल मैट्रिक्स के आधार पर चारों एक्सप्रेसवे की कीमतों में बढ़ोतरी की जाएगी।