सुप्रीम कोर्ट बोला-चुनिंदा मामलों में ही जमानत पर रोक लगे:मनी लॉन्ड्रिंग केस पर कहा- एक शख्स बिना कारण के जेल में सड़ता रहा

सु्प्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोर्ट के पास बेल ऑर्डर पर स्टे लगाने का अधिकार होता है, लेकिन यह स्टे सिर्फ असामान्य मामलों और असाधारण परिस्थितियों में ही लगाना चाहिए।

जस्टिस अभय सिंह ओका और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने यह टिप्पणी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी परविंदर सिंह खुराना की याचिका पर सुनवाई करते हुए की।

दरअसल, खुराना को ED ने 2023 में गिरफ्तार किया था। ट्रायल कोर्ट से जून 2023 में बेल मिल गई थी, जिसके खिलाफ ED ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के बेल ऑर्डर पर स्टे लगा दिया था।

इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट के खिलाफ खुराना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी स्वतंत्रता को लेकर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि एक साल तक एक शख्स बिना किसी कारण के जेल में सड़ रहा है।