क्या ट्रम्प को हराकर राष्ट्रपति बनेंगी भारतवंशी कमला:युवा और तेज तर्रार, समलैंगिकों-महिलाओं में पकड़; 4 वजहों से पलट सकती हैं ट्रम्प की लहर
वॉशिंगटन/21 जुलाई, भारतीय समयानुसार रात करीब 11 बजे जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से हाथ खींच लेते हैं। उन्होंने 28 जून की प्रेसिडेंशियल डिबेट हारने के करीब एक महीने बाद ये फैसला लिया। पार्टी लगातार बाइडेन पर दावेदारी वापस लेने के लिए दबाव बना रही थी।
अब अपना नाम वापस लेते हुए बाइडेन ने उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट के तौर पर चुना है। हालांकि, अभी कमला के नाम पर पार्टी की मुहर लगनी बाकी है।
कमला उम्र में बाइडेन से 22 साल छोटी हैं। विपक्ष के हमलों का जवाब देने में माहिर हैं, ब्लैक वोटर्स से लेकर महिलाओं तक में उनकी पैठ है। स्टोरी में वो 4 वजहें जो उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए बेस्ट उम्मीदवार बनाती हैं…
युवा नेतृत्व से लेकर अंतर्राष्ट्रीय मामलों में महाराथ, ट्रम्प के खिलाफ इन वजहों से बेहतर हैरिस
1. युवा नेतृत्व: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से करीब 20 साल छोटी हैं। अगर वह अपनी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाई जाती हैं तो पार्टी के अंदर वह एक नई पीढ़ी का नेतृत्व करेंगी।
इस तरह अमेरिकी युवाओं में बाइडेन की वजह से जो आकर्षण कम हुआ था, वो लोग हैरिस के नाम पर फिर से डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ेंगे। बीते दिनों में युवाओं के बीच बंदूक, हिंसा, गर्भपात जैसे मुद्दों पर बोलकर हैरिस खूब लोकप्रिय हुई हैं।
भारतीय मूल की कमला हैरिस फिलहाल 59 साल की हैं। वे न सिर्फ बाइडेन, बल्कि उम्र में ट्रम्प से भी उम्र में छोटी हैं। दोनों की उम्र में 19 साल का अंतर है। ऐसे में वो ट्रम्प को ज्यादा मजबूती से टक्कर दे पाएंगी।
2. अंतराष्ट्रीय मामलों को हल करने का एक्सपीरियंस : अमेरिका की राजनीति में देश और विदेश दोनों मामले बेहद अहम होते हैं। कमला हैरिस जो बाइडेन के बाद पार्टी के दूसरे सबसे अनुभवी नेताओं मे से एक हैं। अमेरिका की बड़ी आबादी को लगता है कि वह अंतराष्ट्रीय मामलों में मजबूती से अपनी जिम्मेदारी निभा सकती हैं।
इजराइल या यूक्रेन को लेकर कमला का रुख बाइडेन से ज्यादा स्पष्ट रहा है। वह यहूदी देश इजराइल की कट्टर समर्थक हैं। इंटरनेशनल इश्यू पर स्पष्ट सोच रखने की वजह से वह इजराइल के कट्टर समर्थक अमेरिकी लोगों का वोट अपनी ओर कर सकती हैं।
3. ट्रम्प को उन्हीं के अंदाज में जवाब मिलेगा: अमेरिका में चुनावी बिगुल बजने के बाद से डोनाल्ड ट्रम्प लगातर डेमोक्रेटिक पार्टी के विरोध में बयान दे रहे हैं, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी में सिवाय कमला को छोड़कर ट्रम्प के आरोपों पर कोई नेता साफगोई से नहीं बोल पाता है।
18 जुलाई को उत्तरी कैरोलिना में एक जनसभा के दौरान कमला हैरिस ने ट्रम्प के एजेंडे पर एक-एक कर जोरदार हमला किया। इसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स में ये चर्चा तेज हो गई कि डेमोक्रेटिक पार्टी में कमला हैरिस एकलौती ऐसी नेता हैं, जो ट्रम्प को उन्हीं के अंदाज में जवाब दे सकती हैं। कमला को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने पर डेमोक्रेटिक पार्टी को इसका भी लाभ मिल सकता है।
4. बाइडेन की पर्सनालिटी के बजाय ट्रम्प के खिलाफ कैंपेन शुरू होगा: अब तक के चुनाव प्रचार में डोनाल्ड ट्रम्प सीधे जो बाइडेन की पर्सनालिटी को लेकर सवाल करते रहे हैं। वे बाइडेन की उम्र, याद रखने की शक्ति, लड़खड़ाते हुए चलने पर डेमोक्रेट नेता भी बाइडन को लेकर पार्टी में जनमत की मांग कर रहे हैं।
ऐसे में अगर कमला राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाई जाती हैं तो डेमोक्रेट पार्टी की पूरी ताकत ट्रम्प के खिलाफ चुनावी कैंपेन में लगेगा। इससे फिलहाल ट्रम्प की ओर जा रहा एकतरफा लड़ाई दिलचस्प हो जाएगी।