औटा नहीं करेगा विश्वविद्यालयों के कामों में सहयोग

OMR के विरोध में बाधेंगे काली पट्टी, बैठक में लिए निर्णय
आगरा। आगरा में डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली से नाराज है। निर्णय लिया है कि जब तक विश्वविद्यालय औटा अध्यक्ष और महामंत्री को परीक्षा की किसी भी उपसमिति में शामिल नहीं करेंगे। तब तक औटा का कोई भी सदस्य विश्वविद्यालय का सहयोग नहीं करेगा। औटा की एक वृहद् कार्यकारिणी आवश्यक बैठक रविवार को हुई। बैठक की अध्यक्षता औटा के भूतपूर्व महामंत्री डॉ. एके सिंह द्वारा की गई। बैठक का संचालन औटा महामंत्री डॉ. संजय मिश्रा द्वारा किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित परीक्षा की उपसमिति में औटा के दोनों शीर्ष पदाधिकारी (औटा अध्यक्ष एवं औटा महामंत्री) को शामिल न किए जाने की स्थिति में किसी भी शिक्षक द्वारा पैनल, प्रैक्टिकल, फ्लाइंग स्क्वाड आदि कार्यों में विश्वविद्यालय का सहयोग नहीं किया जाएगा।

काली पट्टी बांध करेंगे काम
आगामी प्रस्तावित (सम सेमेस्टर) की परीक्षाओं को ओएमआर के माध्यम से कराए जाने के विरोध में परीक्षाओं के दौरान विश्वविद्यालय से सम्बद्ध प्रत्येक शिक्षक द्वारा काली पट्टी बांध कर काम किया जाएगा।

45 दिन की मिले छुट्टी
बैठक में यह भी मांग रखी गई कि मई-जून में परीक्षाएं हो जाएंगी। ऐसी स्थिति में कुलपति से 45 दिन का अवकाश मांगा जाएगा। प्रादेशिक शिक्षक संगठन (फुपुक्टा) से प्रदेश में विश्वविद्यालयों के ग्रीष्मावकाश पर एकरूपता लाने के लिए पत्र भेजा गया। औटा के पूर्व निर्धारित वार्षिक सदस्यता शुल्क को 80 रूपये से 100 रूपये किए जाने का निर्णय लिया गया। निर्णय लिया गया कि औटा से सम्बद्ध किसी महाविद्यालय शिक्षक संगठन के चुनाव में किसी तरह का विवाद होने की स्थिति में ही औटा द्वारा हस्तक्षेप किया जाएगा।