1 साल में 150 रुपए महंगा हुआ गैस सिलेंडर:दिल्ली में एक किलो दाल 103 से 128 रुपए पर पहुंची, यहां देखें जरूरी चीजों के कितने बढ़े दाम
आज मार्च महीने के रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी होंगे। बीते एक साल यानी 10 अप्रैल 2022 से 10 अप्रैल 2023 के दौरान घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में 150 रुपए का इजाफा हुआ है। इसकी कीमत 1100 रुपए के पार निकल गई है।
इसके अलावा दिल्ली में आटे का भाव 30, तो मुंबई में ये बढ़कर 54 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। इसी तरह हर घर में रोजाना उपयोग होने वाले सामान जैसे दूध, दाल और चावल जैसी चीजों के दाम भी बढ़े हैं। हालांकि पेट्रोल-डीजल और सोयाबीन के तेल की बात करें तो बीते एक साल इसकी कीमतें कम हुई हैं।
बीते एक साल में पेट्रोल-डीजल के दाम हुए कम
बीते एक साल यानी 10 अप्रैल 2022 से 10 अप्रैल 2023 के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम कम हुए हैं। 10 अप्रैल 2022 को दिल्ली में पेट्रोल 105 रुपए लीटर बिक रहा था, जो अब 96.72 रुपए पर है। वहीं डीजल 96.67 रुपए पर था, जो अब 89.62 रुपए लीटर बिक रहा है।
महंगाई बढ़ने के कारण क्या हैं?
महंगाई के बढ़ने का सीधा-सीधा मतलब आपके कमाए पैसों का मूल्य कम होना है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो आपके कमाए 100 रुपए का मूल्य 93 रुपए होगा। ऐसे कई फैक्टर हैं जो किसी इकोनॉमी में कीमतों या महंगाई को बढ़ा सकते हैं। आमतौर पर महंगाई प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ने, प्रोडक्ट और सर्विसेस की डिमांड में तेजी या सप्लाई में कमी के कारण होती है। महंगाई बढ़ने के 6 बड़े कारण होते हैं:
- डिमांड पुल इन्फ्लेशन तब होती है जब कुछ प्रोडक्ट और सर्विसेस की डिमांड अचानक तेजी से बढ़ जाती है।
- कॉस्ट-पुश इन्फ्लेशन तब होती है जब मटेरियल कॉस्ट बढ़ती है। इसे कंज्यूमर को पास कर दिया जाता है।
- यदि मनी सप्लाई प्रोडक्शन की दर से ज्यादा तेजी से बढ़ती है, तो इसका परिणाम महंगाई हो सकता है।
- कुछ इकोनॉमिस्ट सैलरी में तेज बढ़ोतरी को भी महंगाई का कारण मानते हैं। इससे प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ती है।
- सरकार की पॉलिसी से भी कॉस्ट पुश या डिमांड-पुल इन्फ्लेशन हो सकती है। इसलिए सही पॉलिसी जरूरी है।
- कई देश इम्पोर्ट पर ज्यादा निर्भर होते हैं वहां डॉलर के मुकाबले करेंसी का कमजोर होना महंगाई का कारण बनता है।