कानून मंत्री बोले- मुस्लिमों की झूठे आरोपों में हो रही गिरफ्तारी, बदलेंगे रूल्स

अलीगढ़. केंद्रीय कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा है कि मु्स्लिम यूथ्स को झूठे आरोप में अरेस्ट करना चिंता की बात है। इसके बाद सबूत न मिलने पर उन्हें छोड़ दिया जाता है। ऐसे मामलों में लीगल रिफॉर्म्स की जरूरत है। अलीगढ़ में विकास पर्व में शामिल होने आए थे गौड़ा…
– गौड़ा अलीगढ़ में मोदी सरकार की 2 साल की अचीवमेंट्स बताने के लिए मनाए जा रहे ‘विकास पर्व’ में शामिल होने आए थे।
– गौड़ा के मुताबिक, ‘लॉ कमीशन मुस्लिम यूथ्स को इस तरह अरेस्ट करने को लेकर क्रिमिनल प्रॉसिजर में बदलाव की तैयारी कर रहा है।’
– ‘इसके तहत बेल और प्रॉसिक्यूशन में होने वाली गड़बड़ियों को दूर किया जाएगा।’
– गौड़ा ने ये भी कहा, ‘इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के जज की अगुवाई में एक पैनल रिपोर्ट तैयार करेगा। रिपोर्ट तैयार करने में कई लीगल एक्सपर्ट्स की मदद भी ली जाएगी।’
– गौड़ा से पूछा गया था कि झूठे आरोपों में मुस्लिम यूथ्स के पकड़े जाने और उसके बाद छूटने पर उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
राजनाथ ने क्या कहा था?
– करीब एक हफ्ते पहले राजनाथ ने कहा था, ‘सरकार टेरर इन्वेस्टिगेशन के लिए एक प्रॉसेस तैयार कर रही है।’
– उन्होंने ये भी कहा था, ‘पुलिस को ये सलाह भी दी जा रही है कि वे अपना रवैया नर्म रखें।’
– हाल ही में दिल्ली से जैश-ए-मोहम्मद से कॉन्टैक्ट रखने के आरोप में 10 संदिग्धों को अरेस्ट किए गए थे। इनमें से 7 को छो़ड़ दिया गया था।
– राजनाथ ने कहा, ‘जैसा की आपने देखा कि हमने केवल 3 को अरेस्ट किया और बाकी को छोड़ दिया। हम बैलेंस बनाकर काम कर रहे हैं। इस तरह के मामलों में पहले सभी को जेल भेज दिया जाता था।’
क्या हैं हालात?
– एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आतंकी होने के आरोप में कई मुस्लिम यूथ्स को जेल भेज दिया जाता है।
– कई साल आरोपी के रूप में जेल में गुजारने के बाद जब उन्हें रिहा किया जाता है तो बाहरी दुनिया के साथ उनका एडजस्ट करना मुश्किल होता है।
– बाहर आने पर उनके लिए हर चीज बदल चुकी होती है। मसलन, ट्रांसपोर्टेशन (बस से मेट्रो), बैंकिंग के लिए एटीएम और लैंडलाइन की जगह स्मार्टफोन।
– हाल ही में बाबरी ब्लास्ट केस में निसारुद्दीन अहमद जेल में 23 साल गुजारने के बाद रिहा हुआ।
– मोहम्मद आमिर खान पर लगे 19 में से 17 केस खत्म हो गए। लेकिन उसे 14 साल जेल में गुजारने पड़े।
– आमिर पर आरोप था कि उसने 1996-97 के दस महीनों के बीच दिल्ली, रोहतक, पानीपत और गाजियाबाद में बम लगाए थे।
– आमिर ने कहा, ‘सरकार सरेंडर किए गए आतंकियों तो बसाने का काम कर रही है लेकिन झूठे आरोपों में फंसाए गए लोगों के लिए कुछ नहीं किया जा रहा।’
– बीते महीनों में 6 मुस्लिमों को हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लाम (HUJI) संगठन से कॉन्टैक्ट में रहने पर अरेस्ट किया गया था। लेकिन सबूत न होने पर छोड़ दिया गया।
– 2006 में मुंबई पुलिस ने विभिन्न शहरों से 5 मुस्लिमों को आतंकी होने के आरोप में अरेस्ट किया। इन्हें भी इस साल छोड़ दिया गया।