हेलिकॉप्टर डील में करप्शनः संसद में उठेगा मामला, सोनिया कर रही हैं मीटिंग
नई दिल्ली.छह साल पुराने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील मामले में बीजेपी ने सोनिया गांधी पर निशाना साधने की तैयारी कर ली है। बीजेपी लीडर और राज्यसभा के नॉमिनेटेड मेंबर सुब्रमण्यम स्वामी ने पार्लियामेंट में डिबेट के लिए नोटिस दिया है। दरअसल, इटली के मिलान कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि 3600 करोड़ रुपए की इस हेलिकॉप्टर डील में करप्शन हुआ था। कोर्ट ने जजमेंट में चार बार सिग्नोरा (सोनिया) गांधी और दो बार मनमोहन सिंह का भी नाम लिया है। दस जनपथ पर कांग्रेस नेताओं की मीटिंग हो रही है। क्या है मामला, कहां है सोनिया-मनमोहन का जिक्र…
1# क्या है मामला?
– यूपीए-1 सरकार के वक्त 2010 में अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद की डील हुई थी। डील के तहत मिले 3 हेलिकॉप्टर आज भी दिल्ली के पालम एयरबेस पर खड़े हैं। इन्हें इस्तेमाल में नहीं लाया गया।
– डील 3,600 करोड़ रुपए की थी। टाेटल डील का 10% हिस्सा रिश्वत में देने की बात सामने आई थी। इसके बाद यूपीए सरकार ने फरवरी 2010 में डील रद्द कर दी थी।
– तब एयरफोर्स चीफ रहे एसपी त्यागी समेत 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया था।
– जिस मीटिंग में हेलिकाॅप्टर की कीमत तय की गई थी, उसमें यूपीए सरकार के कुछ मंत्री भी मौजूद थे। इस वजह से कांग्रेस पर भी सवाल उठे थे।
– डील 3,600 करोड़ रुपए की थी। टाेटल डील का 10% हिस्सा रिश्वत में देने की बात सामने आई थी। इसके बाद यूपीए सरकार ने फरवरी 2010 में डील रद्द कर दी थी।
– तब एयरफोर्स चीफ रहे एसपी त्यागी समेत 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया था।
– जिस मीटिंग में हेलिकाॅप्टर की कीमत तय की गई थी, उसमें यूपीए सरकार के कुछ मंत्री भी मौजूद थे। इस वजह से कांग्रेस पर भी सवाल उठे थे।
2# अाज क्यों चर्चा में आया?
– मिलान कोर्ट ऑफ अपील्स ने सोमवार को दिए फैसले में माना कि इस हेलिकॉप्टर डील में करप्शन हुआ और इसमें इंडियन एयरफोर्स के पूर्व चीफ एसपी. त्यागी भी शामिल थे।
– 90 से 225 करोड़ रुपए की रिश्वत भारतीय अफसरों को दी गई।
– कोर्ट ने वीवीआईपी हेलिकॉप्टर देने वाली कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के चीफ जी. ओरसी को दोषी ठहराया है। उन्हें साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई गई है।
– 90 से 225 करोड़ रुपए की रिश्वत भारतीय अफसरों को दी गई।
– कोर्ट ने वीवीआईपी हेलिकॉप्टर देने वाली कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के चीफ जी. ओरसी को दोषी ठहराया है। उन्हें साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई गई है।
3# कांग्रेस पर क्यों उठे सवाल?
– इटली की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने अपने जजमेंट में बताया कि अगस्ता वेस्टलैंड ने कैसे कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी और उनके करीबी सहयोगियों जैसे पीएम मनमोहन सिंह और नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर एमके नारायणन के साथ लॉबिंग की।
– एनडीटीवी की रिपोर्ट में दावा किया गया कि 225 करोड़ रुपए की रिश्वत में से 52% हिस्सा नेताओं को दिया गया। 28% ब्यूरोक्रैट्स को दिया गया। 20% रकम एयरफोर्स के अफसरों को बतौर रिश्वत दी गई।
– एनडीटीवी की रिपोर्ट में दावा किया गया कि 225 करोड़ रुपए की रिश्वत में से 52% हिस्सा नेताओं को दिया गया। 28% ब्यूरोक्रैट्स को दिया गया। 20% रकम एयरफोर्स के अफसरों को बतौर रिश्वत दी गई।
4# सोनिया-मनमोहन का किस तरह लिया गया नाम?
– मिलान कोर्ट की रूलिंग में सोनिया-मनमाेहन का नाम है लेकिन उन्होंने क्या गलत किया है, इसका साफ तौर पर जिक्र नहीं है।
– मार्च 2008 में एक बिचौलिए क्रिस्टियन मिकेल ने अगस्ता वेस्टलैंड के इंडिया हेड पीटर ह्युलेट को लेटर लिखा। इसमें कहा गया कि ‘सिग्नोरा (सोनिया) गांधी वीआईपी हेलिकॉप्टर्स के पीछे ड्राइविंग फोर्स हैं।’
– 2013 में अगस्ता वेस्टलैंड के सीईओ ग्युसेपी ओरसी ने जेल से एक लेटर लिखा। इसमें कहा गया कि इटली के पीएम या एक सीनियर डिप्लोमैट को पीएम (मनमोहन सिंह) से बात करनी चाहिए।
– एनडीटीवी की खबर में दावा किया गया है कि हेलिकॉप्टर सौदे में मिडिलमैन के लेटर्स में ‘एपी’ के मायने सोनिया गांधी के पॉलिटिकल सेक्रेटरी अहमद पटेल से थे। वहीं, ‘fam’ के मायने एयरफोर्स चीफ रहे एसपी त्यागी के फैमिली मेंबर से थे।
– मार्च 2008 में एक बिचौलिए क्रिस्टियन मिकेल ने अगस्ता वेस्टलैंड के इंडिया हेड पीटर ह्युलेट को लेटर लिखा। इसमें कहा गया कि ‘सिग्नोरा (सोनिया) गांधी वीआईपी हेलिकॉप्टर्स के पीछे ड्राइविंग फोर्स हैं।’
– 2013 में अगस्ता वेस्टलैंड के सीईओ ग्युसेपी ओरसी ने जेल से एक लेटर लिखा। इसमें कहा गया कि इटली के पीएम या एक सीनियर डिप्लोमैट को पीएम (मनमोहन सिंह) से बात करनी चाहिए।
– एनडीटीवी की खबर में दावा किया गया है कि हेलिकॉप्टर सौदे में मिडिलमैन के लेटर्स में ‘एपी’ के मायने सोनिया गांधी के पॉलिटिकल सेक्रेटरी अहमद पटेल से थे। वहीं, ‘fam’ के मायने एयरफोर्स चीफ रहे एसपी त्यागी के फैमिली मेंबर से थे।
5# बीजेपी क्यों हुई एक्टिव?
– पार्लियामेंट के बजट सेशन के इस दूसरे फेज में कांग्रेस उत्तराखंड में जारी राजनीतिक संकट को लेकर बीजेपी पर हमले कर रही है।
– ऐसे में अगस्ता वेस्टलैंड केस में इटली की कोर्ट का फैसला आने से बीजेपी को ऐसा मुद्दा मिल गया है जिससे वह कांग्रेस को आड़े हाथ ले सकती है।
– यह मामला सामने आने के बाद बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह और फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली की बाकी बड़े नेताओं के साथ मीटिंग हुई। इसमें आगे की स्ट्रैटजी पर बात हुई।
– बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी को इस मामले में सफाई देनी चाहिए।
– यह मामला सामने आने के बाद बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह और फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली की बाकी बड़े नेताओं के साथ मीटिंग हुई। इसमें आगे की स्ट्रैटजी पर बात हुई।
– बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी को इस मामले में सफाई देनी चाहिए।
6# अब बीजेपी क्या करेगी?
– बीजेपी बुधवार को संसद में यह मुद्दा उठाएगी।
– बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी की राज्यसभा में नॉमिनेटेड मेंबर की हैसियत से एंट्री हुई है।
– मेंबर बनने के पहले ही दिन उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड में कांग्रेस लीडर्स के रोल पर डिबेट कराने का नोटिस दे दिया।
– वहीं, लोकसभा में मीनाक्षी लेखी यह मुद्दा उठाएंगी।
– केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिबेट की टोन भी सेट कर दी।
– उन्होंने कहा- रिश्वत देने वाले कन्विक्ट हो चुके हैं। रिश्वत लेने वाले खामोश क्यों हैं। 2013 में एंटनी ने ही कहा था कि डील में करप्शन हुआ और पैसे का लेन-देन भी किया गया। अब उन्हें बताना चाहिए कि इसमें कांग्रेस के नेता शामिल थे या नहीं?
– बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी की राज्यसभा में नॉमिनेटेड मेंबर की हैसियत से एंट्री हुई है।
– मेंबर बनने के पहले ही दिन उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड में कांग्रेस लीडर्स के रोल पर डिबेट कराने का नोटिस दे दिया।
– वहीं, लोकसभा में मीनाक्षी लेखी यह मुद्दा उठाएंगी।
– केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिबेट की टोन भी सेट कर दी।
– उन्होंने कहा- रिश्वत देने वाले कन्विक्ट हो चुके हैं। रिश्वत लेने वाले खामोश क्यों हैं। 2013 में एंटनी ने ही कहा था कि डील में करप्शन हुआ और पैसे का लेन-देन भी किया गया। अब उन्हें बताना चाहिए कि इसमें कांग्रेस के नेता शामिल थे या नहीं?