HIV-AIDS नहीं लाइलाज, मधुमक्खी के डंक से खात्मा संभव!

जयपुर।

एचआईवी पीडि़तों के लिए बड़ी खबर, शोध में खुलासा मधुमक्खी के डंक से होगा बिना साइड इफेक्ट सफल इलाज…

वाकई ये शोध हैरान कर देने वाला है। मधुमक्खी के डंक से ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियंसी वायरस यानी एचआईवी एड्स को खत्म किया जा सकता है। अच्छी खबर यह है कि इससे शरीर की कोशिकाओं को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा। हाल ही हुए एक शोध में यह बात सामने आई है। गौरतलब है कि सेंट लुइस

स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसन में यह शोध किया है।

डंक से कैसे होगा इलाज?

मधुमक्खी के डंक में मेलिट्टिन होता है, जो कि एचआईवी वायरस के बढऩे की क्षमता को नष्ट करने में प्रभावी है। वहीं इसके आणविक नैनोकण शरीर के सामान्य कणों को नुकसान पहुंचने से बचाते हैं। शोध में सामने आया कि मधुमक्खी के डंक से ट्यूमर कोशिकाओं को खत्म किया जा सकता है। दरअसल मधुमक्खी के डंक में मौजूद मेलिट्टिन एक विषैला पदार्थ है, जो एचआईवी कोशिकाओं और अन्य वायरस की परत में छेद कर देते हैं। मेलिट्टिन की अधिक मात्रा काफी नुकसान कर सकती है।

 

नहीं होगा कोशिकाओं को नुकसान

नये शोध में यह बात साबित हुई है कि मेलिट्टिन से लैस ये नैनोआणविक कण सामान्य कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुंचाते। ऐसा नैनोकणों की सतह से जुड़े हुए के कारण होता है। गौरतलब है कि ऐसे इलाकों में जहां एचआईवी बहुत सक्रिय है, एक नया यौनिक जैल इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से शुरुआती संक्रमण से बचा जा सकता है और एचआईवी को फैलने से रोका जा सकता है।

करोड़ों एचआईवी से पीडि़त

दुनिया भर में करोड़ों लोग एचआईवी-एड्स से पीडि़त हैं। हैरान कर देने वाली बात यह है कि इनमें से लाखों की उम्र 15 साल से कम है। ऐसे में डंक से इलाज इस बीमारी से पीडि़तों के लिए वाकई खास है।

One thought on “HIV-AIDS नहीं लाइलाज, मधुमक्खी के डंक से खात्मा संभव!

  • December 31, 2016 at 1:03 pm
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    Kintne din m dank lghne se hiv katam hota hai

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