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अमेरिका ने ईरान के ऊर्जा व्यापार पर शिकंजा कसा, वित्त और विदेश मंत्रालय ने आठ भारतीयों पर लगाए प्रतिबंध

वॉशिंगटन । ईरानी ऊर्जा व्यापार पर नकेल कसने के लिए अमेरिका ने ईरान के तेल व्यापार में मदद करने वाले 50 से ज्यादा लोगों और संस्थाओं को प्रतिबंधित कर दिया है। प्रतिबंधित किए गए लोगों और संस्थाओं में आठ भारतीय भी शामिल हैं। अमेरिका के विदेश विभाग ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने कई संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं ताकि ईरानी शासन को उसके अवैध कार्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले धन से वंचित किया जा सके।
अमेरिका के वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) ने भी वैश्विक बाजारों में ईरानी पेट्रोलियम और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के निर्यात में शामिल 50 से अधिक संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं। दोनों विभागों द्वारा जिन कंपनियों और लोगों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनमें आठ भारतीय नागरिक शामिल हैं। इन लोगों को अमेरिका द्वारा ‘विशेष रूप से नामित नागरिकों (एसडीएन) और प्रतिबंधित व्यक्तियों’ की सूची में जोड़ा गया है। इस सूची में शामिल लोगों को अमेरिकियों के साथ व्यापार करने पर रोक होती है और उन्हें अमेरिका में प्रवेश पर भी प्रतिबंध का सामना करना पड़ता है।
जिन भारतीय कंपनियों और लोगों को प्रतिबंधित किया गया है, उनमें नीति उन्मेष भट्ट का नाम शामिल है, जिनकी भारत स्थित इंडिसोल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। इस पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग कंपनी ने जनवरी और दिसंबर 2024 के बीच एक अमेरिकी-मान्यता प्राप्त कंपनी से लगभग 74 लाख अमेरिकी डॉलर मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया।
इस सूची में पीयूष मगनलाल जाविया भी शामिल हैं, जिनकी केमोविक प्राइवेट लिमिटेड पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। इसने 2024 और 2025 के बीच एक अमेरिकी-मान्यता प्राप्त कंपनी से 70 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया।
कमला कनयालाल कसाट, कुणाल कनयालाल कसाट और पूनम कुणाल कसाट भी इस सूची में शामिल हैं। उनकी कंपनी, हरेश पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड ने जनवरी 2024 और फरवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से लगभग एक करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया। इन तीनों के साथ-साथ उनकी कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाया गया।
सूची में वरुण पुला भी शामिल हैं, जो मार्शल द्वीप स्थित बर्था शिपिंग इंक के मालिक हैं। यह कंपनी कोमोरोस ध्वज वाले जहाज पामीर का संचालन करती है। इस जहाज ने जुलाई 2024 से चीन को लगभग 40 लाख बैरल ईरानी एलपीजी पहुंचाई है।
प्रतिबंधित एक अन्य भारतीय नागरिक इयप्पन राजा हैं, जो मार्शल द्वीप स्थित एवी लाइन्स इंक के मालिक हैं। यह फर्म पनामा ध्वज वाले सैफायर गैस जहाज का संचालन करती है। इसने अप्रैल 2025 से चीन को 10 लाख बैरल से ज्यादा ईरानी एलपीजी पहुंचाई है। एवी लाइन्स इंक भी प्रतिबंधित संस्थाओं की सूची में है।
वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की मालिक सोनिया श्रेष्ठा और उनकी कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाया गया। यह कोमोरोस-ध्वज वाले जहाज, ठएढळअ का संचालन करती है, जिसने जनवरी 2025 से ईरानी की एलपीजी को पाकिस्तान पहुंचाया है। अन्य भारत-आधारित संस्थाओं में बी के सेल्स कॉपोर्रेशन, सी.जे. शाह एंड कंपनी, मोदी केम, पारीकेम रिसोर्सेज एलएलपी और शिव टेक्सकेम लिमिटेड शामिल हैं।

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