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‘पाकिस्तान में 300 किलोमीटर भीतर हमला किया, दुनिया को हमसे सीखना चाहिए’-वायुसेना प्रमुख

नई दिल्ली । वायुसेना प्रमुख अमरप्रीत सिंह ने शुक्रवार को पाकिस्तान के खोखले दावों की हवा निकालते हुए कहा कि आॅपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे हवाई हमलों में पाकिस्तान के चार से पांच लड़ाकू विमान तबाह हुए। जिनमें पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ-16 लड़ाकू विमान भी शामिल थे। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को निशाना बनाया और उनके रडार्स, कमांड सेंटर, हैंगर आदि को निशाना बनाया।
नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने कहा कि वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमारी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल ने पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों को उनके ही क्षेत्र में भी उड़ने नहीं दिया था। ये इतिहास में दर्ज होगा कि हमने पाकिस्तान में 300 किलोमीटर भीतर तक हमला किया। इसके चलते पाकिस्तान कोई हिमाकत नहीं कर सका।
वायुसेना प्रमुख बोले ‘हम देख रहे हैं कि दुनिया में क्या हो रहा है। दो युद्ध चल रहे हैं और हाल-फिलहाल उनके खत्म होने की कोई चर्चा नहीं है, लेकिन हमने पाकिस्तान को उस स्थिति में पहुंचा दिया, जहां वह संघर्षविराम के लिए गिड़गिड़ाए और हमले रोकने की मांग करे। हमने एक राष्ट्र के तौर पर फैसला करते हुए हमले रोके क्योंकि हम जो चाहते थे, हम वो कर चुके थे। मुझे लगता है कि ये कुछ ऐसा है, जो दुनिया को हमसे सीखना चाहिए।’
आॅपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुए नुकसान की जानकारी देते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ‘जहां तक आॅपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुए नुकसान की बात है, हमने उनके कई एयरफील्ड और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। हमारे हमलों के चलते उनके कम से कम चार रडार्स, दो कमांड और कंट्रोल सेंटर, दो जगहों पर रनवे, तीन अलग-अलग जगहों पर स्थित उनके हैंगर्स को नुकसान पहुंचाया। हमारे पास सबूत हैं कि उनका एक सी-130 श्रेणी का विमान, कम से कम चार से पांच लड़ाकू विमान, जिनमें एफ-16 शामिल हैं, इनके साथ ही एक एसएएम सिस्टम को भी तबाह किया गया। हमारे पास इसके पुख्ता सबूत हैं और हमारे सिस्टम से ये जानकारी मिली है।’
आॅपरेशन सिंदूर के दौरान रूस से खरीदे गए एस-400 सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई थी और पाकिस्तान के हर हवाई हमले को नाकाम कर दिया था। जब इसे लेकर सवाल किया गया तो वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ‘जाहिर है, इसने अच्छा प्रदर्शन किया। इसलिए, ऐसे और अधिक सिस्टम की जरूरत है। ये कितनी संख्या में खरीदे जा सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है। यह एक अच्छी हथियार प्रणाली साबित हुई है। हमारी अपनी प्रणाली भी विकसित हो रही है, इसलिए हम इस पर हर तरह से विचार करेंगे।’

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