लखनऊ में सीज हुईं आगरा से खरीदी गई दवाएं:आगरा के हे मां मेडिकोज ने लखनऊ की फर्म को बेची थी 10 लाख की दवाएं

आगरा । औषधि विभाग ने लखनऊ की सुखमनि फार्मा की करीब 10 लाख रुपए की दवाओं को ट्रांसपोर्ट कंपनी में सीज कर दिया है। ये दवाएं आगरा के हे मां मेडिकोज से खरीदी गई थीं। नकली होने की आशंका पर फर्म संचालक ने इन्हें वापस कर दिया था। अब कंपनी के प्रतिनिधि के आने पर जांच और सैंपलिंग होगी।
सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि आगरा में हाल ही में हे मां मेडिकोज और बंसल मेडिकल एजेंसी की जांच में नकली दवा का खेल पकड़ा गया था। यही से जुड़े सौदे लखनऊ तक पहुंच गए।
दवाओं को झांसी गोल्डन ट्रांसपोर्ट कंपनी में सील किया गया है। इनमें बुखार, खांसी, एंटीबायोटिक समेत 11 कैटेगरी की दवाएं शामिल हैं। संबंधित कंपनी को सूचना दे दी गई है।
लखनऊ में हुई एफएसडीए की बैठक में प्रदेशभर के अफसरों को साफ निर्देश दिए गए कि जिन जिलों में इन 8 फर्मों से खरीद-फरोख्त हुई है, वहां मेडिकल स्टोरों की तुरंत जांच की जाए।
इन फर्मों में झ्रहे मां मेडिकोज, राधे मेडिकल एजेंसी, बंसल मेडिकल एजेंसी, एमएसवी मेडि प्वाइंट, ताज मेडिको, मीनाक्षी फार्मा (पुडुचेरी), न्यू बाबा फार्मा (लखनऊ) और पार्वती ट्रेडर्स शामिल हैं।
इनमें नामी कंपनियों के नाम से नकली दवा की भी आशंका है। ऐसे में जांच में जिन खरीदारों ने ये दवाएं खरीदी हैं। इनको नोटिस भेजकर रिपोर्ट मांग रहे हैं। इसमें पूछा गया है कि कितनी दवाएं खरीदीं, किस मर्ज की दवाएं हैं। किस बैच नंबर और कंपनी की दवाएं हैं। इनके आधार पर इन दवाओं की जांच कराई जाएगी। संबंधित कंपनी को भी इसका विवरण भेजा जाएगा
जांच के दौरान एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया। सिकंदरा के लेबर चौक के पास मेडिकल स्टोर संचालक कार में भरकर एक्सपायर्ड प्रोटीन सिरप सड़क किनारे फेंक आया। पकड़े जाने पर उसने माना कि दवाएं एक्सपायर हो चुकी थीं। विभाग ने उसे चेतावनी दी कि मेडिकल वेस्ट खुले में फेंकने की जगह बायोमेडिकल वेस्ट कलेक्टर को ही दें।
22 अगस्त से औषधि विभाग और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई चल रही है। इस दौरान कई मेडिकल स्टोर और गोदाम बंद रहे। अब इनकी भी जांच होगी कि कार्रवाई से बचने के लिए दुकानें बंद की गई थीं या वाकई संचालन ठप था।