नए एआई उपकरणों से फास्ट बर्ड फ्लू और एच5एन1 रोगियों की पहचान करेगी नई शोध टीम।

नई दिल्ली में नया एआई टूल: बर्ड फ्लू का खतरा संकेत
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल विकसित किया है, जिसका प्रयोग गंभीर बर्ड फ्लू (H5N1 वायरस) से संक्रमित रोगियों की पहचान के लिए किया जा सकता है। इस उपकरण की अद्वितीयता यह है कि यह अस्पतालों के इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड (ईएमआर) में डॉक्टरों द्वारा लिखे गए नोट्स का विश्लेषण कर इस बात का निर्धारण करता है कि कौन सा रोगी बर्ड फ्लू के संभावित खतरे का सामना कर रहा है।
कैसे कार्य करता है एआई मॉडल
यह एआई मॉडल रोगियों के लक्षणों को पहचानता है, जो बर्ड फ्लू के प्रति संवेदनशीलता को इंगित करते हैं, जैसे खांसी, बुखार, नाक बंद होना, और आंखों में लालिमा। इसके बाद, यह यह जाँच करता है कि रोगी हाल ही में ऐसे स्थानों पर तो नहीं गए हैं, जहाँ बर्ड फ्लू का उच्च खतरा है, जैसे मुर्गी फार्म या पशुधन खेत।
यदि इस एआई द्वारा किसी रोगी को ‘उच्च-जोखिम’ माना जाता है, तो उसे विशेष ध्यान और जल्दी इलाज की आवश्यकता हो सकती है। इस प्रणाली ने 2024 में 13,494 रोगियों के डेटा का विश्लेषण किया। इनमें से सभी रोगी तेज बुखार, खांसी या आंखों में सूजन जैसे लक्षणों से पीड़ित थे।
शोध का महत्व
यह शोध नैदानिक संक्रमण रोग पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड की एक महामारी विज्ञान और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सहायक प्रोफेसर ने कहा कि यह अध्ययन दर्शाता है कि जनरेटिव एआई कैसे हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य संरचना में महत्वपूर्ण कमी को पूरा कर सकता है। खासतौर पर उच्च-जोखिम वाले रोगियों का पता लगाने में, जिन्हें सामान्यतः नजरअंदाज किया जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि H5N1 का जानवरों में लगातार प्रसार हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा है, क्योंकि हम यह नहीं जानते कि हम किस हद तक जोखिम में हैं। चूंकि बर्ड फ्लू के साथ लक्षणों का संभावित संपर्क ट्रैक नहीं किया जा रहा, इसलिए संक्रमण का सही रूप से पता नहीं लग पा रहा है। इसलिए, स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के लिए मानव संपर्कों की निगरानी करना और उस जानकारी के आधार पर त्वरित कार्रवाई करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
एआई द्वारा मरीजों की पहचान
इस एआई प्रणाली ने 76 रोगियों की पहचान की, जो बर्ड फ्लू के संपर्क में आ सकते थे। बाद में की गई जांच में पाया गया कि इनमें से 14 रोगी हाल ही में मुर्गियों, जंगली पक्षियों या अन्य प्राणियों के निकट थे। इस एआई को काम पूरा करने में मात्र 26 मिनट का समय लगा, और प्रति मरीज की लागत भी केवल 3 सेंट (लगभग 2.5 रुपये) रही।
यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है, जो दर्शाता है कि एआई कैसे तेज गति से हजारों रोगियों में से कुछ विशेष मामलों का पता लगा सकता है।
भविष्य की संभावनाएँ
शोधकर्ताओं का मानना है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोग बर्ड फ्लू के संपर्क में आए हैं और कितने का परीक्षण किया जाना चाहिए। इस स्थिति के कारण कई बार संक्रमण नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह एआई उपकरण उन मामलों का पता लगाने में मदद कर सकता है, जिससे बर्ड फ्लू फैलने से पहले ही अलर्ट जारी किया जा सके।
भविष्य में, इस तकनीक का प्रयोग करके पूरे देश में एक नेटवर्क स्थापित किया जा सकता है, जो नए संक्रामक रोगों की निगरानी करेगा और समय पर लोगों को सुरक्षा प्रदान करेगा। इस प्रकार, एआई तकनीक न केवल प्रभावी स्वास्थ्य समाधान प्रदान कर सकती है, बल्कि यह संक्रामक रोगों से सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
निष्कर्ष
इस नवीनतम एआई टूल के विकास के माध्यम से, हम एक अति संवेदनशील और तेजी से संक्रमण फैलाने वाले रोग बर्ड फ्लू की पहचान और रोकथाम में एक नई दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। यह उपकरण चिकित्सा क्षेत्र में तकनीकी विकास की एक उत्कृष्ट मिसाल है, जो न केवल रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण संज्ञानात्मक संसाधन प्रदान करता है।
इस प्रकार की शोध और तकनीकी नवाचारों से साफ दिखाई दे रहा है कि आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं में एआई की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती जाएगी।