सांसद: आगरा-मुंबई हाईवे पर 47 करोड़ रुपये का फ्लाईओवर 7 महीनों में गड्ढों से भर गया।

ग्राउंड रिपोर्ट:
इंदौर के राउ सर्कल से गुजरने वाले मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर 8 महीने पहले बनकर तैयार हुआ फ्लाईओवर अब गड्ढों में तब्दील हो चुका है। इस फ्लाईओवर पर गाड़ी चलाना बेहद मुश्किल हो गया है। पिछले 15 दिनों में कई सड़क दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, जिनमें से एक युवक की जान भी चली गई है। भाजपा के सांसद शंकर लालवानी ने इस समस्या को हल करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मदद मांगी है। निविदा के अंतर्गत 5 साल के लिए रखरखाव किए जाने का उल्लेख किया गया था, लेकिन वास्तव में इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।
जैसे ही वाहन चलाते समय डामर पूरी तरह से उखड़ जाता है, फ्लाईओवर पर स्थिति गंभीर हो जाती है। आगे एक बड़ा गड्ढा मौजूद है, जिसमें छोटे वाहन अक्सर फंस जाते हैं। मध्य में छोटे गड्ढे हैं जो पहले प्यूइंग ब्लॉकों से भरे गए थे, लेकिन यह प्रयास भी विफल हो गया। अब गड्ढों को भरने के लिए मुराम का उपयोग किया जा रहा है, जिससे वाहनों का संतुलन बिगड़ता है। फ्लाईओवर के दूसरी ओर भी एक बड़ा और चौड़ा गड्ढा है, जिससे टायर फंसने की संभावना बढ़ जाती है।
जब मुंबई-इंदौर मार्ग से आना होता है, तो सबसे बड़ी परेशानी उस बड़े गड्ढे से शुरू होती है, जिसे पहले प्यूइंग ब्लॉक से भरने का प्रयास किया गया था लेकिन वह फिर से उखड़ गया है। फ्लाईओवर के मध्य में सबसे बड़ा गड्ढा है और इसके अलावा अन्य 100 से 125 मीटर तक गड्ढे मौजूद हैं। अंत में उतरने पर यहाँ डामर पूरी तरह गायब हो गया है तथा अधिकांश दुर्घटनाएँ यहीं हो रही हैं।
सर्विस रोड की स्थिति भी खराब है। दोनों ओर बड़े गड्ढे हैं, जिनमें छोटे वाहन अक्सर फंस जाते हैं। ऐसे में वाहन चालकों को अन्य लोगों की मदद लेनी पड़ती है। बारिश के दौरान गड्ढे भरने से उनकी पहचान में दिक्कत होती है, जिससे कई छोटे वाहनों के फंसने की घटनाएँ बढ़ जाती हैं।
स्थानीय विधायक मधु वर्मा ने इस बाबत कहा है कि उन्होंने एनएचएआई और फ्लाईओवर निर्माण एजेंसी को स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जल्द ही गड्ढों की मरम्मत का कार्य किया जाएगा। डामर पैचवर्क का काम जल्दी शुरू होगा।
भाजपा के सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि गड्ढों की समस्या के बारे में उन्होंने सात बार शिकायत की है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से निर्माण कार्य की जांच कराने हेतु एक पत्र भी लिखा है।
कांग्रेस की ओर से सवाल उठाया गया है कि ट्रिपल इंजन की सरकार का यह विकास क्यों सिर्फ 6 महीनों में गड्ढों में बदल गया। उन्होंने एक निष्पक्ष जांच और पुल बनाने वाली कंपनी की ब्लैकलिस्टिंग की मांग की है।
भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अप्रैल 2022 में इस फ्लाईओवर का कार्य मेसर्स विंध्य कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपा था। इसका उद्देश्य RAU सर्कल पर यातायात जाम और दुर्घटनाओं को कम करना था, लेकिन कंपनी की घटिया निर्माण गुणवत्ता के कारण फ्लाईओवर पर गड्ढे बन गए हैं, जो ट्रैफ़िक को जाम कर रहे हैं।
एक दैनिक यात्री राजेश चौधरी ने कहा, “पुल का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हुआ है और यहाँ बड़े गड्ढे मौजूद हैं। गाड़ियों की गति धीमी हो जाती है और कई वाहनों के हिस्से गड्ढों में फंसने के कारण टूट रहे हैं। यह 47 करोड़ का पुल 27 करोड़ का भी नहीं दिखता।”
यह स्थिति न केवल यातायात को प्रभावित कर रही है, बल्कि जन जीवन की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रही है। अच्छे निर्माण की गुणवत्ता और समय पर मरम्मत की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाएँ भविष्य में न हों।
इस फ्लाईओवर की स्थिति को सुधारने और समय पर काम पूरा करने की आवश्यकता है। स्थानीय निवासियों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि संबंधित अधिकारी इस मामले पर गंभीरता से ध्यान दें और त्वरित कार्रवाई करें।
इंदौर शहर की बढ़ती जनसंख्या और यातायात के दबाव के कारण इस फ्लाईओवर का महत्व और भी बढ़ जाता है, लेकिन यदि इसे इस तरह से छोड़ दिया गया, तो यह शहर के विकास में एक बड़ी बाधा बन सकती है।
सड़कों की सुरक्षा का मुद्दा न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। यह जरूरी है कि भारत में सड़क निर्माण और रखरखाव की गुणवत्ता को लेकर ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि ऐसी परिस्थितियाँ न बनें जिसमें लोगों की जान जोखिम में पड़े।
अंततः, फ्लाईओवर का उचित रखरखाव, गुणवत्ता परीक्षण और समय पर मरम्मत की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इंदौर के नागरिकों को एक सुरक्षित और स्वच्छ परिवहन व्यवस्था मिल सके।