विवेक अग्निहोत्री ने तैमूर पर कहा: भारतीयों को ऐसे नामों से बच्चों का नामकरण नहीं करना चाहिए

विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ में ‘तैमूर’ नाम पर विवाद
फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ के ट्रेलर ने हाल ही में विवाद को जन्म दिया है। इसमें ‘तैमूर’ नाम के इस्तेमाल ने लोगों के बीच उत्तेजना पैदा कर दी है। विवेक अग्निहोत्री, फिल्म के निदेशक, ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तैमूर का नाम एक क्रूर शासक की याद दिलाता है और हम ही मूर्ख हैं जो ऐसे नामों को अपने बच्चों पर रखते हैं।
विवाद की शुरुआत
विवेक अग्निहोत्री की अपकमिंग फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ में 1946 के कोलकाता दंगों की घटनाओं को दिखाया गया है, लेकिन ट्रेलर में ‘तैमूर’ नाम को लेकर चैनलों और सोशल मीडिया पर बड़ी चर्चा हो रही है। दर्शकों का मानना है कि विवेक ने यह नाम जानबूझकर रखा है, जो सैफ अली खान और करीना कपूर के बेटे का नाम भी है। इस पर विवेक ने सफाई दी कि यह नाम किसी विशेष व्यक्ति के संदर्भ में नहीं है, बल्कि यह एक मेटाफॉरिकल नाम है।
विवेक का बयान
एक इंटरव्यू में विवेक ने फिर से इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “हम ही मूर्ख हैं जो ऐसे नाम रखते हैं।” उन्होंने सैफ और करीना का हवाला देते हुए कहा, “सैफ… एक शानदार शख्सियत हैं, करीना… लाजवाब एक्ट्रेस हैं, और तैमूर… विश यू ऑल द बेस्ट।” विवेक ने आगे कहा कि उनका नाम रखने का उद्देश्य निजी नहीं था, बल्कि यह दर्शकों को संदर्भित करने के लिए था।
तैमूर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
विवेक ने तैमूर के ऐतिहासिक संदर्भ को समझाते हुए कहा कि उसने अपने समय में बहुत से अत्याचार किए थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि तैमूर ने एक रात में एक लाख घर जलाए और निर्दोष लोगों का वध किया। जब विवेक ने उजबेकिस्तान में तैमूर के मकबरे का दौरा किया, तो उन्होंने वहां पर लिखा हुआ देखा कि तैमूर ने किसी समय अपने साम्राज्य को बनाने के लिए क्रूरता दिखाई थी।
विवेक का भविष्यवाणी
विवेक ने इस बात पर जोर दिया कि जिन लोगों ने इतिहास में अत्याचार किए, उनके नाम को हमारे संस्कृति में जगह नहीं देनी चाहिए। उन्होंने इस पर विषयों को उठाते हुए कहा, “रूस में कोई स्टालिन का नाम नहीं रखता, तो हम क्यों रखें?” उनका मानना है कि हमें अपने बच्चों के नाम रखने में अधिक सतर्क रहना चाहिए।
सैफ और करीना का दृष्टिकोण
सैफ और करीना ने अपने बेटे का नाम तैमूर रखने के बाद इसे लेकर कई बार चर्चा की है। सैफ ने हाल ही में कहा था कि वह अपने बेटे के नाम को बदलने पर विचार कर चुके थे, लेकिन करीना इसके खिलाफ थीं। उन्होंने यह भी कहा कि वह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा अलोकप्रिय हो जाए।
निष्कर्ष
विवेक अग्निहोत्री का यह बयान उस समय आया है जब समाज में नामों और उनके अर्थों पर व्यापक चर्चा हो रही है। फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ के साथ जुड़े इस विवाद ने इस मुद्दे को और अधिक प्रासंगिक बना दिया है। क्या हमें अपने बच्चों के नाम रखने में अधिक सजगता बरतनी चाहिए? यह सवाल आज भी विवाद का विषय है, और विवेक का यह बयान इसे और गहराई में ले जाता है।
इस प्रकार, विवेक अग्निहोत्री ने जो कहा, वह न केवल फिल्म के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में नामों के चयन पर भी एक नई चर्चा को जन्म देता है। हमें इस बात की आवश्यकता है कि हम अपने ऐतिहासिक संदर्भों को समझें और उन्हें वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पुनः परखें।