आगरा

सड़क से सिल्ट-कीचड़ न उठने पर कोर्ट में फंसे अधिकारी:डीएम, सीडीओ और नगरायुक्त के खिलाफ दरोगा ने लगा दी रिपोर्ट, सस्पेंड

आगरा । बोदला- बिचपुरी रोड किनारे पड़ी सिल्ट और मलबे की शिकायतों पर कार्रवाई न करने वाले अधिकारी अब अदालत में फंस गए हैं। सत्यमेव जयते ट्रस्ट ने इस मामले में अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे को सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। कोर्ट ने आख्या मांगी तो जगदीशपुरा थाने के दरोगा ने जांच में आरोपों को सही पाते हुए मुकदमे को रिपोर्ट कोर्ट में भेज दी। इसके बाद आनन-फानन में रिपोर्ट भेजने वाले दरोगा को निलंबित कर दिया गया। हालांकि निलंबन के पीछे कारण लापरवाही बताया गया है।
आगरा में बोदला- बिचपुरी रोड पर लंबे समय से सिल्ट और मलबा पड़ा हुआ है। इसके कारण यहां से निकलना मुश्किल होता है। अधिकारियों से शिकायत के बाद भी इसका निस्तारण नहीं हुआ तो सत्यमेव जयते ट्रस्ट की ओर से तीन जून को पुलिस आयुक्त से शिकायत की गई। इसमें अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया गया था।
यहां से कोई कार्रवाई न होने पर 21 जुलाई को ट्रस्ट के अध्यक्ष मुकेश जैन ने सीजेएम कोर्ट में इसको लेकर प्रार्थना पत्र दिया।इसमें सीडीओ प्रतिभा सिंह, डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल व अन्य अधिकारियों को आरोपी बनाया था। कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि सड़क महीनों से खतरनाक स्थिति में है। किनारों पर कीचड़, सिल्ट और मलबा है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और यातायात के लिए खतरा पैदा करत रहा है।
ट्रस्ट का दावा है कि आवश्यक बजट और अधिकार होने के बावजूद सफाई नहीं कराई गई।इस निष्क्रियता को लोकसेवकों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर जनता के विश्वास का आपराधिक उल्लंघन बताया गया जो बीएनएस की धारा 316 (5) के तहत दंडनीय है। ट्रस्ट ने यह भी दावा किया है कि उनके पास अधिकारियों की लापरवाही के वीडियो और फोटो भी हैं।
अदालत ने प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए इस पर थाना जगदीशपुरा से आख्या तलब की। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों के उच्च अधिकारियों से भी इस पर रिपोर्ट मांगी। थाना जगदीशपुरा में तैनात दरोगा देवी शरण सिंह ने 29 जुलाई को इस मामले में अदालत को रिपोर्ट भेजी। इसमें कहा कि उनके द्वारा आरोपों की जांच की गई। जांच में पुष्टि हुई है कि बोदला से बिचपुरी तक जाने वाली सड़क पर मलबा, कीचड़ और सिल्ट जमा हो गया हैं, जिससे आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
यह रिपोर्ट कोर्ट में पहुंचने के बाद अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई। इसके बाद पुलिस और प्रशासन में खलबली मच गई। शुक्रवार को दरोगा देवीशरण सिंह को निलंबित कर दिया गया। मगर, इसमें कारण सरकारी कार्य में लापरवाही और उच्च अधिकारियों के आदेशों का पालन न करना बताया गया। डीसीपी सिटी सोनम कुमार का कहना है कि दरोगा देवी शरण सिंह को लगातार कार्य में लापरवाही बरतने के चलते निलंबित किया गया है। कोर्ट में दायर किए गए मामले में उन्होंने जानकारी होने से इन्कार किया है।

Related Articles

Back to top button