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इज़राइल के नवीनतम हमलों के बीच, नेतन्याहू के ‘अंतिम युद्ध’ पर चिंताएं, गज़ा की वीजा पर रोक, और दूसरे 9/11 का खतरा: मध्य-पूर्व हिंदी समाचार

गज़ा संकट: इज़राइल की आखिरी लड़ाई और अमेरिका का वीज़ा निलंबन

यूएस ने गज़ा के लोगों पर वीज़ा प्रतिबंध लगाकर अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, जबकि इस बीच इज़राइली सेना गज़ा में अपनी आखिरी लड़ाई के लिए तैयार हो रही है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गज़ा के पूर्ण कब्जे का ऐलान किया है, जबकि अमेरिकी प्रशासन, 9/11 जैसे हमलों की आशंका से ग्रस्त, गज़ा के निवासियों के लिए वीज़ा प्रक्रिया में कड़े कदम उठा रहा है।

गज़ा के हालात

गज़ा क्षेत्र के हालात काफी गंभीर हैं। इज़राइल ने गज़ा के नियंत्रण को पूरी तरह से अपने हाथ में ले लिया है, जिससे वहां के नागरिकों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इस संकट के बीच, अमेरिकी प्रशासन ने गज़ा से आने वाले वीज़ा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है। यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी सलाहकार लौरा लुमोर के एक विशेष बयान के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने अमेरिका में संभावित सुरक्षा खतरों की ओर इशारा किया था।

लौरा लुमोर की चिंताएँ

लुमोर ने अमेरिकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और दावा किया कि गज़ा के घायल नागरिकों को उपचार के लिए अमेरिका लाना एक संभावित खतरा है। उनकी चेतावनी 9/11 हमलों की पुनरावृत्ति से संबंधित थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी यह मामला उठाया, जिससे अमेरिकी राज्य मंत्रालय कार्रवाई के लिए प्रेरित हुआ। उनके इस बयान के बाद, सरकार ने गज़ा से आने वाले सभी वीज़ा को रोकने की घोषणा की और मानव-चिकित्सा वीज़ा की प्रक्रिया की समीक्षा करने का संकल्प लिया।

हैल फिलिस्तीन पर आरोप

लुमोर ने आरोप लगाया कि गज़ा से आए नागरिक “हमास के समर्थक” हैं और उन्हें अमेरिका लाने के बाद वहां के हालात को और बिगाड़ सकते हैं। उन्होंने विशेष रूप से कतर एयरवेज का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि कतर अमेरिका में जिहादियों को भेज रहा है। उनके अनुसार, यह खतरा बेहद गंभीर है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

रिपब्लिकन नेताओं का समर्थन

लुमोर के बयानों को कई रिपब्लिकन नेताओं का समर्थन मिला है। सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष टॉम कॉटन ने इस मुद्दे पर एक जांच शुरू करने का फैसला किया। सांसद रैंडी फाइन ने सीधे लुमोर के प्रयासों की सराहना की और उन्हें बधाई दी। इससे यह स्पष्ट होता है कि लुमोर की आवाज़ न केवल उनकी व्यक्तिगत राय है, बल्कि यह व्यापक राजनीतिक समर्थन को भी दर्शाती है।

मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया

इस फैसले के खिलाफ मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी संगठन “फिलिस्ती चिल्ड्रन रिलीफ फंड” ने घोषणा की है कि यह निर्णय अमानवीय और खतरनाक है। उन्होंने कहा कि गाज़ा की नष्ट स्वास्थ्य प्रणाली के बीच चिकित्सा निकासी बच्चों की जान बचाने का एकमात्र उपाय है। इस संस्था ने यह भी याद दिलाया कि पिछले 30 वर्षों में हजारों फिलिस्तीनी बच्चों को अमेरिका में इलाज के लिए लाया गया है, जिससे उनकी जान बचाई जा सकी है।

लुमोर और ट्रम्प प्रशासन का स्थान

हालांकि लुमोर की कोई आधिकारिक स्थिति नहीं है, लेकिन माना जाता है कि उनका ट्रम्प प्रशासन पर काफी प्रभाव है। उनकी सिफारिश पर कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने के मामले सामने आए हैं। उन्होंने एनएसए के प्रमुख टिमोथी हॉफ और उनके डिप्टी वेंडी नोबेल को भी हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस प्रकार, उनके सक्रिय हस्तक्षेप से अमेरिका की विदेश नीति और सुरक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहे हैं।

निष्कर्ष

इज़राइल और गज़ा के बीच चल रही लड़ाई के साथ-साथ अमेरिका का गज़ा के निवासियों पर वीज़ा प्रतिबंध लगाना, यह दर्शाता है कि वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य कितना जटिल और संवेदनशील है। इस परिस्थिति में, प्रवासी समुदायों, विशेषकर गज़ा के निवासियों, को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, वे केवल एक मानवता के रूप में ही नहीं, बल्कि एक राजनीतिक समस्या के रूप में भी देखी जानी चाहिए। संक्षेप में, यह घटनाएँ अमेरिका, इज़राइल और गज़ा के बीच जटिल रिश्तों और उनकी मानवीय कीमत को उजागर करती हैं।

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