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पाकिस्तान में गरीबी से जूझते लोगों के अमीर बनने के सपने को देखते हुए, सेना प्रमुख असिम मुनीर ने कहा – हमारे पास ऐसा खजाना है जो कर्ज कम करेगा।

दिवालिया पाकिस्तान और दुर्लभ पृथ्वी धातु

पाकिस्तान इन दिनों अमीर बनने के सपनों के साथ नई दिशा में कदम बढ़ाता दिख रहा है। सेना प्रमुख जनरल असिम मुनीर ने यह दावा किया है कि उनके देश में दुर्लभ पृथ्वी धातुओं का एक बड़ा खजाना मौजूद है। उनका कहना है कि इस खजाने के जरिए पाकिस्तान अपने कर्ज को कम कर सकता है और जल्द ही वैश्विक स्तर पर अमीर देशों की श्रेणी में शामिल होगा।

दुर्लभ पृथ्वी धातुओं की बढ़ती मांग

हाल के वर्षों में, दुर्लभ पृथ्वी धातुओं की मांग में काफी वृद्धि हुई है। इन धातुओं का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। उदाहरण के लिए, ये मैग्नेट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वर्तमान में, चीन इस क्षेत्र में लगभग वैश्विक राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा रखता है और अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।ई-दुनिया में पकड़ बनाने के लिए अमेरिका, भारत और अन्य देश भी अपने खनिज भंडार को मजबूत करने के प्रयास कर रहे हैं।

मुनीर का दृष्टिकोण

मुनीर ने बताया कि पाकिस्तान में मौजूद दुर्लभ पृथ्वी धातुओं का खजाना देश की आर्थिक स्थिति को बदलने में सहायक हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अगले वर्ष से हर साल न्यूनतम $2 बिलियन कमा सकता है। यह अनुमान इस बात पर आधारित है कि वैश्विक बाजार में इन धातुओं की कीमतें कैसे बढ़ रहीं हैं।

उन्होंने कहा, “यह खजाना सिर्फ कर्ज को कम करने में मदद नहीं करेगा, बल्कि Pakistan को अमीर देशों की सूची में भी शामिल करेगा।”

मुनीर की योजना का वैश्विक पहलू

इस खजाने की खोज में अमेरिका भी दिलचस्पी दिखा रहा है। भले ही पाकिस्तान चीन की ओर झुका हुआ है, लेकिन उसके खनिज धन का उपयोग अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व बन सकता है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर, अमेरिका के सचिव मार्को रुबियो ने यह कहा कि अमेरिका की नजरें बलूचिस्तान में खनन परियोजनाओं पर हैं। उनका उद्देश्य क्षेत्र में अमेरिका के निवेश को आकर्षित करना और टैरिफ को कम करना है।

चीन का प्रभाव

चीन इस क्षेत्र में सबसे आगे है और उसने हाल के समय में कई निर्यात प्रतिबंध लगाए हैं। यह प्रतिबंध इलेक्ट्रिक वाहनों, रक्षा प्रणालियों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए आवश्यक खनिजों पर भी लागू होते हैं। चीन का यह कदम भारत के लिए भी मुसीबत बन गया है, जो अपनी आवश्यकताओं के 70% से अधिक खनिजों का आयात करेगा।

चीन की पकड़ ने भारत और अमेरिका जैसे देशों को उनके संसाधनों की तलाश में मजबूर कर दिया है, ताकि वो इसके आवर्त्य असर से बच सकें।

पाकिस्तान का भौगोलिक लाभ

पाकिस्तान का भौगोलिक स्थिति भी उसके लिए एक खास परिचायक हो सकती है। यह देश चीन को एक नए परिवहन नेटवर्क के जरिए जोड़े जा रहा है, जो उत्तरी पाकिस्तान से दक्षिणी बंदरगाह तक फैला होगा। यह परियोजना चीन की बेल्ट और रोड इनिशिएटिव का एक हिस्सा है। यह पहल पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकती है, लेकिन इसके साथ ही वहां की आंतरिक सुरक्षा समस्याएं भी हैं।

बलूचिस्तान में चुनौतियां

पाकिस्तान में बलूचिस्तान एक ऐसा क्षेत्र है जो अलगाववादी हिंसा से जूझ रहा है। इस क्षेत्र में खनन संचालन कई बार लक्षित हमलों का निशाना बनता है। इससे पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा चुनौती बढ़ गई है। अमेरिका ने हाल ही में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया है। यह पाकिस्तान के लिए एक नया संकट उत्पन्न करता है।

निष्कर्ष

क्या पाकिस्तान अपने खजाने से वाकई में अपने कर्ज को कम कर पाएगा और अमीर देशों की सूची में शामिल हो सकेगा? ये सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं। हालाँकि, वैश्विक परिप्रेक्ष्य में देखें, तो पाकिस्तान की भूमि में छिपे खजाने ने उसे एक नया खेल मैदान प्रदान किया है।

जनरल मुनीर का दावा, वैश्विक आर्थिक परिवेश और चीन की विद्यमान स्थिति को देखते हुए, एक संभावित बदलाव की ओर इशारा करता है जो न केवल पाकिस्तान की आर्थिक स्थितियों को बल्कि उसकी वैश्विक रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकता है।

इस समय, न केवल पाकिस्तान, बल्कि अन्य देश भी इस मुद्रा में अपने कदम बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे निश्चित रूप से आने वाले दिनों में एक नई आर्थिक प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।

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