‘मराठा हूं इसलिए मंत्री पद नहीं मिला’, चार बार के विधायक प्रकाश सोलंके का छलका दर्द
मुंबई । महाराष्ट्र में बीड जिले के माजलगांव से एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें मंत्री पद से इसलिए नजरअंदाज किया गया क्योंकि वे मराठा समुदाय से आते हैं। सोलंके ने कहा कि एनसीपी को बीड जिले में ताकत मराठा समाज ने ही दी, लेकिन जब मंत्री पद या गार्जियन मंत्री की बात आती है तो मराठाओं को अनदेखा कर दिया जाता है।
बीड में पत्रकारों से बात करते हुए सोलंके ने दावा किया कि वे चार बार से विधायक हैं, फिर भी मंत्री पद से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि एनसीपी ने पिछले 45 वर्षों से बीड जिले में ओबीसी और पिछड़े वर्गों को प्राथमिकता दी है, लेकिन मराठा समुदाय को हमेशा किनारे रखा गया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी जाति ही उनके मंत्री बनने के रास्ते में बाधा बन गई।
डिप्टी सीएम अजित पवार के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जिसमें उन्होंने कहा था कि धनंजय मुंडे को जांच में क्लीन चिट मिलने के बाद मौका दिया जाएगा, सोलंके ने तंज कसते हुए कहा कि पार्टी में सिर्फ ओबीसी वर्ग के नेताओं को प्राथमिकता मिलती है। उन्होंने कहा कि यह विचारधारा ज्योतिबा फुले, शाहू महाराज और डॉ. आंबेडकर की नीतियों से प्रेरित है, लेकिन मराठा समाज को इससे नुकसान हो रहा है।
सोलंके ने कहा कि मराठा समाज को ताकत देने के बावजूद उन्हें बड़े पदों से दूर रखा गया। उन्होंने कहा कि अगर मैं ओबीसी समुदाय से होता, तो मुझे मंत्री बनने का मौका मिल गया होता। पर मैं मराठा हूं, और यही मेरी सबसे बड़ी गलती है। आगे उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 45 साल में उनके पिता सुंदरराव सोलंके के बाद किसी मराठा नेता को बीड का कैबिनेट या गार्जियन मंत्री नहीं बनाया गया।
सोलंके ने कहा कि कैबिनेट विस्तार को लेकर जब भी चर्चा होती है, कई नाम सामने आते हैं, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व का होता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पार्टी को अब इस सोच पर विचार करना चाहिए कि मराठा समाज की अनदेखी क्यों हो रही है।
सोलंके ने कहा कि उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था, लेकिन मराठा समाज में इसे विधायक से थोड़ा ही ऊपर का पद माना जाता है। इस सोच के कारण मराठा समाज को वास्तविक ताकत देने से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी सही में समानता की बात करती है, तो मराठा समुदाय को भी बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए।
सोलंके के इस बयान के बाद बीड जिले और महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल शुरू हो गई है। मराठा आरक्षण को लेकर पहले से ही आंदोलन चल रहा है और सोलंके के इस बयान ने मराठा समाज की उपेक्षा के मुद्दे को एक बार फिर हवा दे दी है। देखना होगा कि एनसीपी नेतृत्व इस पर क्या रुख अपनाता है।