‘अमेरिकी हमले में बच गया ईरान का परमाणु कार्यक्रम’, खुफिया विभाग की रिपोर्ट को ट्रंप ने बताया झूठा
वॉशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन रिपोर्ट्स को झूठा बताया है, जिनमें दावा किया गया है कि अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के परमाणु केंद्र पूरी तरह से तबाह नहीं हुए हैं। दरअसल अमेरिकी सरकार के खुफिया विभाग डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि अमेरिकी हमले में ईरान का परमाणु कार्यक्रम बच गया है और ये पूरी तरह से तबाह नहीं हुआ है बल्कि सिर्फ कुछ महीने के लिए पीछे हो गया है।
डीआईए की रिपोर्ट की जानकारी अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन ने दी है। हालांकि ट्रंप ने इसे झूठी खबर बताकर खारिज कर दिया। ट्रुथ सोशल पर लिखे एक पोस्ट में राष्ट्रपति ट्रंप ने लिखा कि ‘झूठी खबर, सीएनएन असफल हो रहे न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ मिलकर इतिहास के सबसे सफल सैन्य अभियान को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। ईरान के परमाणु केंद्र पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।
व्हाइट हाउस ने भी मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ‘खुफिया रिपोर्ट लीक होना राष्ट्रपति ट्रंप को बदनाम करने की साजिश है। साथ ही उन बहादुर फाइटर पायलट का क्रेडिट लेने की कोशिश है, जिन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से तबाह कर दिया।’ लेविट ने कहा कि ‘सभी जानते हैं कि जब 30,000 पाउंड के 14 बम निशाने पर गिरते हैं तो क्या होता है- पूरी तरह से विनाश।’
डीआईए की रिपोर्ट में दी गई जानकारी राष्ट्रपति ट्रंप के उस दावे के पूरी तरह से खिलाफ है, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि अमेरिकी हमले में ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से तबाह हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन वह पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। ये भी दावा किया जा रहा है कि ईरान को हमले का अंदेशा हो गया था और उसने परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम संवर्धन करने वाले सेंट्रीफ्यूज पहले ही सुरक्षित जगह पहुंचा दिये हैं। साथ ही ये भी कहा गया है कि हमले में परमाणु केंद्र के ऊपरी हिस्से को नुकसान हुआ है, लेकिन इसके बावजूद काफी चीजें सुरक्षित बच गई हैं।