भारत ने 13 साल में वैश्विक निर्यात में सबसे तेज गति से बढ़ाई हिस्सेदारी

मुंबई। कोरोना महामारी, आर्थिक मंदी की आशंका और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत के निर्यात में 2010 से 2023 तक लगातार वृद्धि का रुख रहा। 13 वर्षों की इस अवधि में भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में वैश्विक निर्यात में अपनी हिस्सेदारी सबसे तेज रफ्तार से बढ़ाने में कामयाब रहा। इस दौरान भारत के निर्यात की वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही, जो देश के व्यापार क्षेत्र की मजबूती को बताता है।
संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) की रिपोर्ट के हवाले से एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, निर्यात के मोर्चे पर भारत का प्रदर्शन चीन, यूरोपीय संघ एवं अमेरिका जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में और भी अधिक उल्लेखनीय है। 2010 से 2023 के बीच चीन का निर्यात 6.1 फीसदी बढ़ा। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने 3.9-3.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। रूस और जापान के निर्यात हिस्से में मामूली बढ़ोतरी या स्थिरता रही।
अधिकारी ने कहा, घरेलू निर्यात में वृद्धि का रुझान भारत की व्यापार नीतियों, सेवा एवं विनिर्माण क्षेत्रों की प्रभावशीलता और निर्यात संवर्धन पहल के प्रभाव को दशार्ता है, जिसने वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में देश के एकीकरण को बढ़ाने में योगदान दिया है।
देश का कुल निर्यात 13 वर्षों की अवधि में करीब तीन गुना बढ़ा है। वित्त वर्ष 2009-10 में देश से 274.8 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था, जो 2022-23 में 2.82 गुना बढ़कर 776.3 अरब डॉलर पहुंच गया। 2024-25 के दौरान भारत ने कुल 825 अरब डॉलर का निर्यात किया। फेडरेशन आॅफ इंडियन एक्सपोर्ट आॅगेर्नाइजेशन (फियो) के मुताबिक, भारत ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 1,000 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य रखा है।
अमेरिकी टैरिफ की घोषणा के बाद देश से रत्न-आभूषण निर्यात मई, 2025 में सालाना आधार पर 15.81 फीसदी घटकर 226.34 करोड़ डॉलर रह गया। एक साल पहले की समान अवधि में 268.83 करोड़ डॉलर के रत्न-आभूषण निर्यात किए गए थे। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के आंकड़ों के मुताबिक, तराशे गए हीरों का निर्यात 35.49 फीसदी घटकर 94.97 करोड़ डॉलर रहा।?हालांकि, सोने के आभूषणों का निर्यात पिछले महीने सालाना आधार पर 17.24 फीसदी बढ़कर 99.75 करोड़ डॉलर पहुंच गया।?मई, 2024 में यह आंकड़ा 85.08 अरब डॉलर रहा था। जीजेईपीसी चेयरमैन किरीट भंसाली ने कहा कि अमेरिका की ओर से टैरिफ की घोषणा के कारण?मई में रत्न-आभूषण के निर्यात में गिरावट आई है। पश्चिम एशिया में तनाव के कारण सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ने से स्वर्ण आभूषणों का निर्यात बढ़ा है।