अमेरिका की वॉर्निंग- रूस से तुरंत लौटें US सिटीजन:कहा- बेवजह अमेरिकी नागरिकों को पकड़ रहा रूस, बिना सबूत दे रहा सजा
रूस-यूक्रेन जंग को देखते हुए अमेरिका ने रूस में रह रहे अपने नागरिकों से तुरंत देश छोड़ने को कहा है। अमेरिका ने आशंका जताई है कि रूसी अधिकारी बिना किसी वजह के गलत तरह से अमेरिकी नागरिकों को गिरफ्तार कर सकते हैं, जिसे देखते हुए मॉस्को में स्थित अमेरिकी एम्बेसी ने चेतावनी जारी की है। साथ ही किसी भी नागरिक को रूस न जाने की सलाह दी गई है।
‘अमेरिकी धार्मिक कार्यकर्ताओं पर हो रही झूठी कार्रवाई’
एम्बेसी ने कहा- रूसी अधिकारियों ने झूठे आरोपों पर अमेरिकी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। उन्हें निष्पक्ष कार्रवाई से वंचित रखा जा रहा है। सुनवाई के दौरान सबूत न होने पर भी उन्हें दोषी ठहराया जा रहा है। साथ ही रूसी अधिकारियों ने मनमाने ढंग से अमेरिकी धार्मिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ स्थानीय कानूनों को लागू किया है और धार्मिक एक्टीविटीज में लगे अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ संदिग्ध आपराधिक जांच कर रहे हैं।
पिछले साल भी जारी हुई थी चेतावनी
रूस ने कहा कि ये पहली बार नहीं है जब अमेरिकी नागरिकों को रूस छोड़ने के लिए कहा गया है। इस तरह की चेतावनी पिछले साल सितंबर में भी जारी की गई थी जब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस में आंशिक लामबंदी का आदेश दिया था। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि अमेरिका की ये चेतावनी कोई नई बात नहीं है क्योंकि वो ऐसा पहले भी कई बार कर चुके हैं।
बास्केटबॉल स्टार ब्रिटनी को सुनाई गई थी 9 साल की सजा
फेडरल सिक्योरिटी सर्विस(FSB) ने जनवरी में कहा था कि अधिकारियों ने जासूसी के शक में एक अमेरिकी नागरिक के खिलाफ केस दर्ज किया था। पिछले साल दिसंबर में, अमेरिकी बास्केटबॉल स्टार ब्रिटनी ग्राइनर को वैप कैपसुल रखने के आरोप में 9 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, बाद में प्रिजनर स्वैप के दौरान उसे रिहा कर दिया गया था। अमेरिका ने जांच के बाद आरोपों को झूठा ठहराया था।
वहीं एक पूर्व अमेरिकी मरीन पॉल व्हेलन को जासूसी के आरोपों में दोषी ठहराते हुए 16 साल की सजा दी गई है। अमेरिका ने इन आरोपों के भी गलत होने का दावा किया है।
‘हम निश्चित रूप से रूस और अपने लोगों की रक्षा के लिए अपने सभी हथियारों का इस्तेमाल करेंगे। हमारे पास तबाही मचाने वाले हथियार हैं। मैं सेना की लामबंदी के प्रस्ताव का समर्थन करता हूं।’ ये शब्द हैं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के