हिस्ट्रीशीटर हैं करोड़ों के गहने पहनने वाले गोल्डन पुरी बाबा

उज्जैन

गांधीनगर थाना (दिल्ली) के एसएचओ संजय सोलंकी बताते हैं, सुधीर उर्फ बिट्टू भगत के खिलाफ अपहरण और फिरौती समेत तरीबन 34 मामले विचाराधीन हैं।  अपहरण के एक मामले में वे अभी भी जमानत पर है। दिल्ली हाईकोर्ट में उस मामले का ट्रायल चल रहा है। इस बीच, सिंहस्थ कुम्भ में मौजूद गोल्डनपुरी महाराज का ताम-झाम आयकर विभाग की नजर में आ गया है। आयकर निदेशालय में पदस्थ आयकर अधिकारी (हेडक्वार्टर) सुनील ढोके के मुताबिक, करोड़ों के गहने पहनने वाले गोल्डन पुरी महाराज विभाग की निगाह में हैं, उनसे कभी भी पूछताछ की जा सकती है।

गौरतलब है कि गोल्डन महाराज को लेकर  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को भी उस वक्त भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब विधानसभा चुनाव से पूर्व गोल्डन बाबा के साथ उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। दिलचस्प यह है कि करोड़पति बाबा गोल्डन पुरी के ज्यादातर अनुयायी गरीब तबके के लोग हैं।

संतों में भी नाराजगी

सिंहस्थ में गोल्डन बाबा की मौजूदगी से संतों में भी नाराजगी है। दो दिन पहले ही गोल्डन बाबा के दर्शन के लिए लाइन लगाकर खड़े श्रद्धालुओं को कुछ संतों के गुस्से का शिकार होना पड़ा था। संतों का कहना है, उनका रहन-सहन साधु जीवन के अनुसार नहीं है।

5 वर्षों में कई चेहरे

पांच साल में गोल्डन बाबा का चेहरा कई बार बदला। वे 2007 और फिर 2012 में प्रयाग में हुए कुम्भ मेले में भी शामिल रहे हैं। जरायम की दुनिया में बिट्टू भगत उर्फ सुधीर उस वक्त चर्चा में आए जब 2007 में 25 लाख की फिरौती के लिए किए गए अपहरण के मामले में भी उनका नाम सामने आया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, उन पर जबरन धन उगाही के भी आरोप हैं।

11 किलो सोने के गहने 

सिंहस्थ में मौजूद गोल्डन बाबा 11 किलो सोने के गहने पहनते हैं। मप्र पुलिस के जवानों उनकी सुरक्षा में मुस्तैद हैं। बताया जाता है कि वे किसी समय गांधीनगर में ही दर्जी का काम करते थे। बाद वे हरिद्वार चले गए। कुछ दिनों बाद लौटे तो गांधीनगर में मंदिर बनवा दिया और धीरे-धीरे आश्रम का रूप देकर महंत बन बैठे। वे भक्तों से नकदी की जगह सोना लेते थे।