संत प्रेमानंद महाराज ने की वृंदावन की पैदल परिक्रमा

मथुरा। संत प्रेमानंद महाराज गुरुवार को वृंदावन की परिक्रमा लगाते नजर आए। संत परिकर के साथ प्रेमानंद महाराज ने सुबह 6 बजे से वृंदावन की 5 कोस की पैदल परिक्रमा शुरू की। इस दौरान पूरा रास्ता राधा रानी के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। संत प्रेमानंद महाराज के परिक्रमा लगाने की जानकारी मिलते ही उनके भक्तों की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। सुबह 6 बजे से शुरू होने पर करीब 10:30 बजे तक 5 कोसी परिक्रमा सम्पन्न हुई।
संत प्रेमानंद महाराज ने वृंदावन की 5 कोस की परिक्रमा अपने केली कुंज आश्रम से शुरू की। यहां से संत प्रेमानंद महाराज परिकर के साथ परिक्रमा करते हुए आगे बढ़े। वाराह घाट, कालिदाह, बांके बिहारी रोड, जुगल घाट, श्रृंगार वट, चीरघाट, केशीघाट होते हुए परिक्रमा के रास्ते में आगे बढ़ने लगे।
संत प्रेमानंद महाराज वृंदावन परिक्रमा देने के लिए निकले तो भक्त उनके दर्शनों के लिए आतुर नजर आए। भक्त परिक्रमा के रास्ते में बैठ गए और राधा राधा नाम का कीर्तन करने लगे। भक्तों को कीर्तन करते देख संत प्रेमानंद महाराज कुछ देर के लिए रुक गए। जहां वह कीर्तन सुनने के बाद आगे बढ़ गए। नंगे पैर संत प्रेमानंद महाराज अपने परिकर के साथ परिक्रमा कर रहे थे।
संत प्रेमानंद महाराज वृंदावन की परिक्रमा देने से पहले गोवर्धन की परिक्रमा दे चुके हैं। स्वास्थ्य कारणों के चलते संत प्रेमानंद महाराज ने गोवर्धन की 21 किलोमीटर की परिक्रमा 5 बार में पूरी की थी। लेकिन वृंदावन की परिक्रमा उन्होंने एक ही बार में पूरी कर ली।
संत प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य अनुकूल नहीं रहता। उनको किडनी की समस्या है। जिसकी बजह से वह डायलिसिस कराते हैं। कई बार उनको इलाज के लिए अस्पताल भी ले जाना पड़ा है। लेकिन राधा रानी के प्रति उनकी आस्था और भक्ति बीमारी को उन पर हावी नहीं होने देती। हालांकि कई दिनों से वह पदयात्रा नहीं कर रहे हैं।



