अंतरराष्ट्रीय

‘रूस को एक इंच जमीन नहीं देंगे…’, अमेरिकी दबाव के बावजूद पीछे हटने को तैयार नहीं जेलेंस्की

रोम । यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने साफ कहा है कि वह रूस को अपनी जमीन का एक इंच भी नहीं सौंपेंगे। उन्होंने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब वह यूरोप का लगातार दौरा कर समर्थन जुटा रहे हैं और दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप लगातार दबाव बना रहे हैं कि यूक्रेन रूस से समझौता करे।
जेलेंस्की मंगलवार को रोम पहुंचे, जहां उन्होंने पोप लियो 14 से मुलाकात की और प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से बात करने वाले हैं। इससे पहले सोमवार को वह लंदन गए, जहां ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से मिले। उनका मकसद साफ है यूरोप का मजबूत समर्थन कायम रखना क्योंकि अमेरिका रूस-यूक्रेन युद्ध पर एक कठिन समझौते का दबाव बढ़ा रहा है।
अमेरिका और यूक्रेन के अधिकारियों के बीच तीन दिन की बातचीत खत्म हुई, लेकिन कई मुद्दों पर मतभेद बरकरार हैं। मुख्य विवाद यह है कि अमेरिकी योजना में डोनबास क्षेत्र का एक हिस्सा रूस को देने का सुझाव है। रूस इस क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर चुका है, लेकिन यूक्रेन और उसके यूरोपीय साथी किसी भी तरह की जमीन सौंपने के खिलाफ हैं। ट्रंप ने रविवार को कहा कि जेलेंस्की ने अभी तक प्रस्ताव ह्लध्यान से पढ़ा नहींह्व, जबकि ट्रंप लंबे समय से कह रहे हैं कि यह युद्ध अमेरिकी टैक्स के पैसे की बबार्दी है।
जेलेंस्की ने सोमवार रात पत्रकारों से कहा कि ह्लहम कुछ भी देना नहीं चाहते। रूस लगातार दबाव डाल रहा है कि हम जमीन छोड़ दें, लेकिन कानूनन और नैतिक रूप से हमारे पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी शांति योजना में पहले 28 बिंदु थे, लेकिन अब यह 20 रह गए हैं क्योंकि कुछ एंटी-यूक्रेनी बिंदु हटा दिए गए हैं।
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने जेलेंस्की का खुलकर साथ दिया है। स्टार्मर ने कहा कि यह शांति प्रयासों का ह्लनिर्णायक समयह्व है और किसी भी समझौते में ह्लन्यायपूर्ण और टिकाऊ संघर्षविरामह्व जरूरी है। जर्मन चांसलर मर्ज ने अमेरिकी दस्तावेजों पर संदेह जताते हुए कहा कि कई बिंदुओं पर चर्चा जरूरी है। यूरोपीय देश जोर दे रहे हैं कि किसी भी समझौते के साथ मजबूत सुरक्षा गारंटी हों ताकि रूस भविष्य में हमला न कर सके।
दोनों देशों के बीच बीती रात ड्रोन हमलों का बड़ा आदान-प्रदान हुआ। यूक्रेन ने कहा कि रूस ने 110 ड्रोन दागे, जिनमें से 84 को मार गिराया गया, जबकि 24 अपने लक्ष्य तक पहुंचे। हमलों की वजह से कई क्षेत्रों में इमरजेंसी ब्लैकआउट लगाया गया। वहीं रूस ने दावा किया कि उसने 121 यूक्रेनी ड्रोन नष्ट किए। रूस के चुवाशिया क्षेत्र में हमले में इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं और नौ लोग घायल हुए।
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा ने पांच दिसंबर को रूस के तेमरयुक पोर्ट पर एलपीजी टर्मिनल पर ड्रोन हमला किया, जिसमें 20 से अधिक एलपीजी टैंक जल उठे और तीन दिन तक आग धधकती रही। इस हमले में रेलवे टैंक, ईंधन भंडारण और लोडिंग सेटअप भी नष्ट हुए। यह हमला रूस की ऊर्जा व्यवस्था पर यूक्रेन का अब तक का सबसे बड़ा प्रहार माना जा रहा है।

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