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पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को दी हमले की चेतावनी: तालिबान सरकार ने कहा- हवाई हमलों का जवाब देने का अधिकार

इस्लामाबाद/काबुल। पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अफगानिस्ता को शांति और अशांति के बीच चयन करने की चेतावनी दी। उन्होंने तालिबान शासन से कहा कि वह पाकिस्तान के अंदर हमले करने के लिए अफगानिस्तान की धरती का उपयोग करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ सख्तऔर तत्काल कार्रवाई करे। वहीं, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हाल में हुई खूनी झड़प और हवाई हमलों के बाद दोनों देशों के प्रतिनिधि आज दोहा में शांति वार्ता के लिए मुलाकात करने जा रहे हैं।
इस बीच, तालिबान सरकार ने स्पष्ट कहा है कि अफगानिस्तान को पाकिस्तान के हवाई हमलों का जवाब देने का पूरा हक है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान शांति और बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन हाल की घटनाएं पाकिस्तान की आक्रामकता की वजह से हुई हैं। मुजाहिद ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार आज पाकिस्तान के साथ बातचीत दोहा में होनी है। इसके लिए अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल दोहा के लिए रवाना हो चुका है। हालांकि, उन्होंने बताया कि बातचीत से ठीक पहले बीती रात पाकिस्तानी सेना ने पक्तिका प्रांत के आम नागरिक इलाकों में फिर से हवाई हमले किए। जिसमें कई आम नागरिकों की मौत और घायल होने की खबर है। तालिबान ने इन हमलों की कड़ी निंदा की और इसे अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया।
मुजाहिद ने कहा, इस्लामी अमीरात इन हमलों का जवाब देने का अधिकार रखता है। लेकिन अपने वातार्कारों की गरिमा और बातचीत की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए फिलहाल नई सैन्य कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया गया है। हम दोहराते हैं कि अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन हालिया घटनाएं पूरी तरह से पाकिस्तान की ओर से की गई आक्रामकता का नतीजा हैं।
इस बीच पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल भी दोहा पहुंच गया है, जिसमें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और खुफिया प्रमुख असीम मलिक शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कंधार के स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि अफगान सीमा बलों और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच झड़पों की वजह से स्पिन बोल्दक इलाके से करीब 20,000 परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से की गई अंधाधुंध बमबारी की वजह से ये लोग रेगिस्तानी इलाकों और अन्य असुरक्षित जगहों पर जाकर शरण ले रहे हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। इन विस्थापित परिवारों की मदद के प्रयास जारी हैं।

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